500 से ज्यादा लोगों ने की शिकायत
इस मामले के बारे में पुलिस को पांच सौ से ज्यादा शिकायतें मिली थीं, जिसमें कहा गया था कि कई यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने अपने हैंडल्स पर HIBOX मोबाइल ऐप का प्रचार किया और ऐप के जरिए निवेश करने का लालच दिया। इसके बाद 30 हजार से ज्यादा लोगों ने निवेश कर दिया। शुरुआती महीनों में निवेशकों को लाभ भी मिला, लेकिन बाद में इसी साल जुलाई से ऐप ने तकनीकी गड़बड़ियों, कानूनी मसलों और जीएसटी मुद्दों का हवाला देते हुए पेमेंट रोक दी।
फरवरी 2024 में लॉन्च की गई ऐप
डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (IFSOस्पेशल सेल) हेमंत तिवारी के मुताबिक HIBOX एक मोबाइल एप्लीकेशन है, जो एक सुनियोजित घोटाले का हिस्सा थी। इसके जरिए आरोपी ने रोजाना एक से पांच फीसदी की गारंटिड रिटर्न का वादा किया था, जो एक महीने में 30 से 90 फीसदी के बराबर बनती है। डीसीपी के अनुसार यह ऐप फरवरी 2024 में लॉन्च की गई थी।
मास्टरमाइंड के खाते से 18 करोड़ जब्त
डीसीपी तिवारी के अनुसार— इस साल जुलाई से ऐप ने पेमेंट रोकी और कथित कंपनियों ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में अपना ऑफिस बंद कर दिया। उन्होंने बताया कि इस घोटाले के मास्टरमाइंड शिवराम को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके चार अलग-अलग बैंक खातों में से 18 करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं।
ऐसे दर्ज हुआ मामला
16 अगस्त को पुलिस को इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) में HIBOX एप्लीकेशन के खिलाफ 29 शिकायतें मिलीं। शिकायतकर्ताओं का आरोप था कि उन्हें निवेश के बदले हाई रिटर्न का वादा किया गया था। इनके आधार पर 20 अगस्त को स्पेशल सेल ने भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं और IT एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर ली।
EASEBUZZ और PhonePe की भूमिका की जांच
डीसीपी के अनुसार— पुलिस को नॉर्थईस्ट जिले, बाहरी जिले, शाहदरा और NCRP पोर्टल से 500 से ज्यादा शिकायतें मिलीं। हमारी टीम ने धोखाधड़ी में शामिल पेमेंट गेटवे और बैंक खातों की डेटल जुटाई और जांच के बाद चार खातों की पहचान की गई, जिनका इस्तेमाल ठगी की रकम को निकालने के लिए किया गया था। उन्होंने बताया कि साइबर नॉर्थईस्ट जिले से भी नौ लोगों ने HIBOX ऐप के खिलाफ शिकायतें दी थीं। इन नौ मामलों को भी IFSO को ट्रांसफर किया गया। पुलिस के अनुसार— 127 शिकायतों को एक साथ जोड़ दिया गया है और EASEBUZZ और PhonePe की भूमिका की जांच की जा रही है।
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