उत्तराखंड में आज से लागू हुआ कॉमन सिविल कोड, जानिए क्या-क्या होंगे बदलाव

उत्तराखंड ने इतिहास रचते हुए आज से, यानी 27 जनवरी से, देश का पहला राज्य बनने का गौरव हासिल किया है, जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू किया जा रहा है। इस फैसले के बाद राज्य में कई महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को इस बात का ऐलान किया था, और अब 27 जनवरी से ये नियम लागू हो चुके हैं। तो, क्या हैं वो बड़े बदलाव जो उत्तराखंड में अब से लागू होंगे? आइए, जानते हैं।

क्या है UCC और क्यों है ये अहम?

यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है कि सभी नागरिकों के लिए व्यक्तिगत मामलों जैसे विवाह, तलाक, विरासत और अन्य कानूनी मामलों में एक ही कानून लागू होगा, चाहे उनका धर्म या समुदाय कुछ भी हो। इस कानून के लागू होने के बाद उत्तराखंड में समान अधिकार, समान कर्तव्य और समान कानून सभी के लिए सुनिश्चित होंगे।

उत्तराखंड में UCC से होने वाले बड़े बदलाव

1. शादी और तलाक के लिए एक समान कानून अब उत्तराखंड में शादी, तलाक, गुजारा भत्ता, विरासत जैसे मामलों में सभी धर्म और समुदाय के लोगों के लिए एक समान कानून होगा। इस बदलाव से महिलाओं को भी पुरुषों के समान तलाक लेने का अधिकार मिलेगा।
2. विवाह रजिस्ट्रेशन अब अनिवार्य अब हर शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। यदि कोई शादी छह महीने के भीतर रजिस्टर नहीं कराता, तो उस पर पच्चीस हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है। यही नहीं, रजिस्ट्रेशन न होने पर सरकारी सुविधाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा। हालांकि, 26 मार्च 2010 से पहले की शादियों के लिए रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता नहीं होगी।
3. बेटा-बेटी को समान अधिकार उत्तराखंड में संपत्ति के अधिकार में अब कोई भेदभाव नहीं होगा। बेटा-बेटी दोनों को समान अधिकार मिलेगा। चाहे वो कानूनी बच्चे हों या अवैध, अब किसी भी बच्चे के साथ भेदभाव नहीं होगा।
4. हलाला और बहुविवाह पर प्रतिबंध यूसीसी के लागू होते ही हलाला जैसी प्रथा को भी समाप्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा बहुविवाह पर भी पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी।
5. लड़की की शादी की उम्र अब समान होगी उत्तराखंड में लड़कियों की शादी के लिए अब एक समान उम्र निर्धारित की जाएगी। चाहे वह किसी भी धर्म या जाति की हों, शादी के लिए लड़की की उम्र 18 साल से कम नहीं हो सकती।
6. लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन अब लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स के लिए भी रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। अगर कपल 18 से 21 साल के बीच का है, तो उन्हें रजिस्ट्रेशन के दौरान अपने माता-पिता का सहमति पत्र भी देना होगा।

UCC लागू करने के लिए तैयारियां पूरी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही यह कह दिया था कि उत्तराखंड में UCC लागू करने के लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने ये भी बताया कि इससे समाज में समानता आएगी और नागरिकों को उनके अधिकार और कर्तव्यों का बराबरी से पालन करने का मौका मिलेगा।

UCC लागू करने का वादा

भा.ज.पा. ने 2022 के विधानसभा चुनाव में यह वादा किया था कि वे उत्तराखंड में UCC लागू करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई और मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की समिति बनाई गई थी। अब इसे लागू कर दिया गया है।

शेड्यूल ट्राइब्स को मिलेगा बाहर का लाभ

UCC का सबसे बड़ा फायदा ये है कि राज्य में रहने वाली शेड्यूल ट्राइब्स को इससे बाहर रखा गया है। इसके अलावा, धार्मिक मामलों जैसे पूजा और परंपराओं में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है।

क्या हैं UCC के फायदे?

UCC लागू होने से समाज में एकरूपता आएगी। इससे हर नागरिक को एक समान कानूनी अधिकार मिलेंगे और समाज के सभी वर्गों के बीच भेदभाव खत्म होगा। यह कदम महिलाओं के अधिकारों को मजबूती देने के साथ-साथ समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित करेगा।

क्या नहीं बदलेगा?

यूसीसी लागू होने के बाद ट्रांसजेंडर और धार्मिक मामलों में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं होगा। पूजा पद्धतियों, धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं को पहले की तरह ही सम्मान मिलेगा।

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