गणेश विसर्जन के दौरान कर्नाटक के मांड्या में सांप्रदायिक हिंसा, जाने क्या है पूरा मामला
Communal Violence in Karnataka: गुरुवार को कर्नाटक पुलिस ने राज्य के मांड्या जिले में गणेश विसर्जन के दौरान हुए सांप्रदायिक हिंसा में 46 लोगों को गिरफ्तार किया। बता दें कि बुधवार 11 सितंबर को मांड्या जिले के बदरकोप्पलू गांव में गणपति विसर्ज के दौरान दो समूहों के बीच झड़पें हुईं। देखते ही देखते हालात इतने खराब हो गए कि उपद्रवियों ने पथराव कर दिया।
आस-पास की दुकानों, कपड़ों और बाइक के शोरूम में आग लगा दी। गुस्साई भीड़ ने सड़क किनारे खड़े बाइकों को भी आग के हवाले कर दिया। स्थिति को संभालने के लिए कर्नाटक पुलिस को भीड़ पर लाठीचार्ज करना पड़ा। वहीं इस घटना के विरोध में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने आज नागमंगला में बंद का ऐलान किया है।
क्या कहा एसपी ने?
मांडया के एसपी मल्लिकार्जुन बालादंडी ने बताया कि अभी स्थिति ठीक है। बुधवार को जब गणेश जुलूस मस्जिद के पास पहुंचा तो इसे वहां से निकले ने में थोड़ा समय लग गया। इस बात पर दो समुदायों के बीच बहस शुरू हो गई। भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। लाठीचार्ज के विरोध में लोग पुलिस स्टेशन के सामने प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान दूसरे समुदाय के लोग भी पहुंच गए। जिसके बाद पथराव शुरू हो गया। इकट्ठी भीड़ ने आसपास दी दुकानों और बाइक शो रूम में आग लगा दी।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक बुधवार 11 तारीख को कर्नाटक के मांड्या जिले के बदरिकोप्पलु गांव में गणेश विसर्जन के लिए कुछ लोग जुलूस निकाल रहे थे। इस दौरान जुलूस नागमंगला की सड़क से होते हुए एक मस्जिद के पासे से हो कर गुजर रहा था। इसी दौरान कुछ लोगों द्वारा जुलूस पर पथराव किया गया। पथराव के बाद हालात बेकाबू हो गए और दोनों समुदायों में झड़पें होने लगीं। घटना की जानकारी होते हुए पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज से गुस्साए हिंदू समूदाय के लोगों ने पुलिस स्टेशन के सामने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की।
ये भी पढ़ेंः क्या है शिमला की ‘संजौली मस्जिद’ का पूरा विवाद, अचानक क्यों भड़क उठे हिंदू? जानें सबकुछ