राजस्थान में इन दिनों राजनीतिक यात्राओं का दौर चल रहा है। कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जहां आज दौसा से अलवर में प्रवेश करने जा रही है, तो वहीं भाजपा की ओर से ‘जन आक्रोश’ अभियान के तहत प्रदेश भर में यात्राएं निकाले जाने का सिलसिला भी जारी है। भाजपा इन यात्राओं में गहलोत सरकार के चार वर्ष की कथित जनविरोधी नीतियों का विरोध जता रही है।
2023 में विदाई को तैयार रहे कांग्रेस: पूनिया
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया का कहना है कि कांग्रेस ने देश में 55 वर्षों तक वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति की जिसे अब राज्य में अशोक गहलोत सरकार भी कर रही है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार का वर्ष 2023 में जाना तय है।
यूपी-गुजरात जैसी होगी क़ानून व्यवस्था
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया इन दिनों प्रदेश की बिगड़ी क़ानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह विभाग को भी निशाने पर ले रहे हैं। अजमेर के केकड़ी में हुई आक्रोश सभा में उन्होंने कहा कि 2023 में भाजपा की सरकार बनने के बाद बहन बेटियों की सुरक्षा, सम्मान और स्वाभिमान पर कोई आंच नहीं आएगी। कोई अपराधी बख्शा नहीं जाएगा ।
वागड़ में पूनिया, ‘आक्रोश’ में होंगे शामिल
गहलोत सरकार के विरोध में भाजपा की ‘जन आक्रोश’ यात्राएं आज भी प्रदेश भर में निकाली जा रही हैं। मुख्य ‘आक्रोश’ प्रदर्शन आज उदयपुर में रहेगा, जहां भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया भी कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ शामिल होंगे। पूनिया आज कोटड़ा और खैरवाड़ा की दो अलग-अलग आक्रोश सभाओं को संबोधित करेंगे। इसके बाद शाम 5 बजे सलूम्बर में कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे। चार दिवसीय प्रवास के तीसरे दिन कल 20 दिसंबर को डॉ पूनिया प्रतापगढ़ के धरियावद विधानसभा क्षेत्र में लसाड़िया में जन आक्रोश सभा को संबोधित करेंगे, जबकि चौथे व अंतिम दिन 21 दिसंबर को बांसवाड़ा के कुशलगढ़ में दोपहर 12 बजे और बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर 3 बजे जन आक्रोश सभाओं को संबोधित करेंगे।
राहुल से पूछा 14 वां सवाल
प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने कांग्रेस नेता से सवालों की शृंखला में 14 वां सवाल पूछा। उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2018 के घोषणा पत्र में आपने सभी संविदा कर्मियों को नियमित करने का वादा किया था, प्रदेश में 3 लाख से अधिक संविदा कर्मी हैं, जो नियमित होने का इंतजार कर रहे हैं, मेरा आपसे सवाल है कि आप घोषणापत्र के वादे को कब पूरा करेंगे, संविदा कर्मियों को कब नियमित करेंगे?
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