कुमार विश्वास का विवादित बयान, RSS को कहा अनपढ़; BJP बोली कथा करने आए हो कथा करो
कवि और आप के पूर्व सदस्य कुमार विश्वास ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों की आलोचना की है कि वे देहाती हैं जो केवल वेदों को उद्धृत करते हैं लेकिन वास्तव में वेदों को पढ़ते नहीं हैं। उनके इस बयान के बाद बीजेपी ने उन पर पलटवार किया है। राम कथा सुनाने आए तो काम करो और चले जाओ, बीजेपी ने उन्हें ऐसे शब्दों में कहा है।
उज्जैन में कुमार विश्वास ने रामकथा कार्यक्रम का आगाज किया है। उन्होंने इस कार्यक्रम में एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, इस देश में दो लोगों के बीच लड़ाई होती है। इनमें से एक कम्युनिस्ट है जिसने पढ़ा तो बहुत है लेकिन गलत पढ़ा है। फिर आरएसएस के लोग हैं जिन्होंने कुछ भी पढ़ा नहीं है, वे केवल वेदों को उद्धृत करते हैं लेकिन उन्हें किसी ने देखा नहीं है। विश्वास के इस बयान के बाद बीजेपी ने उन पर पलटवार किया है।
कुमार विश्वास के इस बयान के बाद से ही विवाद शुरू हो गया है। उनके इस बयान पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है और पार्टी प्रवक्ता राजपाल सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि हमें आपका स्वागत करने आना है। यदि आप उज्जैन में रामकथा करने आए हैं तो वही करें। प्रमाणपत्र को किसी के साथ साझा न करें। तुम आधे पढ़े-लिखे लोग रामकथा सुनाने के अलावा सब कुछ करते हो। हमारे ग्रामीण लोग उससे कई गुना बेहतर हैं।
कुमार विश्वास ने ऐसा क्यों कहा?
रामकथा के दौरान कुमार विश्वास ने कहा कि एक लड़का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा है और वह हमारे साथ काम कर रहा है। उन्होंने मुझसे कहा कि बजट आ रहा है तो कैसा हो। मैंने उनसे कहा कि आपने राम राज्य की सरकार बनाई है तो राम राज्य का बजट आना चाहिए। उन्होंने कहा, राम राज्य में बजट कहां था? मैंने उससे कहा कि यह तुम्हारी समस्या है।
एक कम्युनिस्ट है जिसने कुछ पढ़ा है लेकिन गलत पढ़ा है। दूसरी ओर ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने कभी कुछ पढ़ा ही नहीं और कहते हैं कि यह हमारे वेदों में लिखा हुआ है। जो उन्होंने कभी नहीं देखा है।
कुमार विश्वास ने अपने बयान पर दी सफाई
कुमार विश्वास ने RSS को लेकर की गई टिप्पणी पर सफाई पेश की है। उन्होने कहा कि वो बात उन्होने एक बालक को लेकर कही थी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लिए नहीं लेकिन कुछ विघ्न संतोषियों ने इसे अलग अर्थ में पेश कर दिया।
कुमार विश्वास ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा है कि उनकी बात को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है। उन्होने कहा कि ‘कथा प्रसंग में मेरे कार्यालय में काम करने वाले बालक पर मैंने एक टिप्प्णी की जो संयोग से राष्ट्रीय सेवक संघ में काम करता है। पढ़ता लिखता कम है बोलता ज्यादा है तो मैंने उससे कहा कि तुम पढ़ा लिखा करो, तुम अनपढ़ हो। वामपंथी कुपढ़ है और तुम अनपढ़ हो। सिर्फ इतनी सी बात मैंने कही और कुछ विघ्न संतोषियों ने इसे ज्यादा फैला दिया।’ इसी के साथ उन्होने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि वो इस कथा को भंग करेंगे तो आप ये भी ध्यान रखियेगा कि रामकथा कौन भंग करता है। उन्होने कहा कि ‘मैं जो बोल रहा हूं उसका अर्थ उसी तरह से लगाएं जो बोल रहा हूं। और उसे कोई किसी नए अर्थ में समझेंगे तो उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं। तदोपरांत आपकी सामान्य बुद्धि में ये प्रसंग अगर किसी और तरह से चला गया है तो मैं उसके लिए मुझे माफ करें।’
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