मणिपुर में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां CRPF के कैंप में एक जवान ने गोलीबारी कर दी। इस घटना में दो जवानों की मौत हो गई और 8 अन्य घायल हो गए। यह घटना गुरुवार की रात करीब 8:20 बजे इंफाल पश्चिम जिले के लामफेल में स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के कैंप में हुई। आरोपी जवान संजय कुमार, 120वीं बटालियन का हवलदार था।
क्या हुआ था?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय कुमार ने अचानक कैंप में गोलीबारी शुरू कर दी। इस दौरान उसने अपने साथी जवानों को निशाना बनाया। गोलीबारी के बाद उसने खुद को भी गोली मार ली। संजय कुमार असम के रहने वाले थे और त्रिसुंदी में सीआरपीएफ कैंप में तैनात थे।
घायलों को अस्पताल में कराया गया भर्ती
इस घटना में 8 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए इंफाल के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में सेना के वरिष्ठ अधिकारी और भारी संख्या में सुरक्षा बल मौजूद हैं।
अधिकारी मौके पर पहुंचे, जांच शुरू
घटना के बाद पुलिस और CRPF के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए। वे स्थिति का जायजा ले रहे हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि संजय कुमार ने ऐसा क्यों किया। अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही इस घटना के पीछे की वजह सामने आ पाएगी।
इस घटना ने पूरे CRPF को झकझोर कर रख दिया है। दो जवानों की मौत और 8 के घायल होने से सुरक्षा बलों में शोक की लहर है। साथ ही, यह घटना मणिपुर में चल रही हिंसा और तनाव को और बढ़ा सकती है।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू
इस घटना के ठीक पहले ही मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया है। गुरुवार को ही गृह मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी की। इससे पहले 9 फरवरी को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। विधानसभा को भी निलंबित कर दिया गया है।
जातीय हिंसा का दंश
मणिपुर पिछले 21 महीनों से जातीय हिंसा की आग में झुलस रहा है। 3 मई 2023 से अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसी हिंसा के चलते मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पर इस्तीफे का दबाव बना हुआ था।
क्या होगा आगे?
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि CRPF कैंप में हुई यह घटना मणिपुर की जातीय हिंसा से जुड़ी है या नहीं। लेकिन इस घटना ने राज्य में मौजूदा स्थिति को और गंभीर बना दिया है। अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है और उम्मीद है कि जल्द ही इस घटना के पीछे की वजह सामने आ जाएगी। इस घटना के बाद मणिपुर के लोगों में डर का माहौल है। पहले से ही जातीय हिंसा से जूझ रहे राज्य में यह घटना एक नया झटका है। लोगों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार और राज्य प्रशासन जल्द ही स्थिति को नियंत्रित करेगा।
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