CWC Meeting: हाल ही में हरियाणा और महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। इन चुनावों के परिणामों ने पार्टी के भीतर एक गहरी चिंता और असंतोष का माहौल पैदा कर दिया है। कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस हार पर गंभीरता से चर्चा की और कहा कि अब समय आ गया है कि पार्टी को अपने भीतर सुधार लाने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।
हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम
हरियाणा में, भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटें जीतकर अपनी सरकार बनायी। वहीं, कांग्रेस ने 37 सीटें हासिल कीं, जो कि अपेक्षित से कम थीं। महाराष्ट्र में भी स्थिति कुछ बेहतर नहीं रही। यहां महा विकास अघाड़ी (MVA) को बड़ा झटका लगा, जहां शिवसेना (यूबीटी) ने केवल 20 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को 16 और एनसीपी (शरद पवार गुट) को सिर्फ 10 सीटें मिलीं। भाजपा ने यहां 132 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया।
जवाबदेही और सुधार की आवश्यकता
CWC की बैठक में खरगे ने कहा कि ‘हमें जवाबदेही तय करनी होगी और कड़े फैसले लेने होंगे’। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी को चुनावी परिणामों से सीख लेकर आगे बढ़ना होगा। यह आवश्यक है कि पार्टी अपनी रणनीतियों का पुनर्मूल्यांकन करे और उन कारणों की पहचान करे जिनकी वजह से उन्हें यह हार मिली।
खरगे ने कहा, ‘हमने जमीन पर मेहनत की थी और टिकटों का वितरण भी सावधानी से किया था। लेकिन परिणाम हमारी उम्मीदों के विपरीत आए।’ इस संदर्भ में, उन्होंने पार्टी के भीतर एकजुटता और सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
आगामी चुनावों के लिए रणनीति
CWC की बैठक में न केवल हालिया हार पर चर्चा हुई, बल्कि आगामी चुनावों के लिए भी रणनीतियाँ तैयार की गईं। विशेष रूप से दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जहाँ कांग्रेस को मजबूत स्थिति बनाने की आवश्यकता है। पार्टी नेताओं ने यह भी सुझाव दिया कि उन्हें अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करना होगा ताकि वे भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बना सकें।
इस बैठक में यह भी चर्चा हुई कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) की भूमिका पर विचार किया जाए, क्योंकि कई नेताओं ने इन मशीनों पर संदेह जताया है। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि ‘हमें इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन शुरू करने की आवश्यकता है’।