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डिजिटल गिरफ्तारी पर सरकार का बड़ा एक्शन, 59,000 व्हाट्सएप अकाउंट और 1,700 स्काइप आईडी ब्लॉक

cyber security India: आज के डिजिटल युग में साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती बन गया है। इसमें सबसे खतरनाक है डिजिटल गिरफ्तारी, जिसमें अपराधी खुद को कानून प्रवर्तन एजेंसियों का अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं और फिर उनसे पैसे ऐंठते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

सरकार का बड़ा एक्शन: हजारों अकाउंट ब्लॉक

भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने डिजिटल गिरफ्तारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 59,000 से अधिक व्हाट्सएप अकाउंट और 1,700 से ज्यादा स्काइप आईडी को पहचान कर ब्लॉक कर दिया है। यह कदम उन खातों को निशाना बनाता है जिनका इस्तेमाल अपराधियों द्वारा लोगों को धमकाने और ठगने के लिए किया जा रहा था। इसके अलावा, सरकार ने 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1,32,000 IMEI नंबरों को भी ब्लॉक किया है।

ये कार्रवाई मुख्य रूप से उन विदेशी नंबरों पर केंद्रित थी जो कंबोडिया, म्यांमार, लाओस और थाईलैंड जैसे देशों से संचालित हो रहे थे। इन नंबरों का इस्तेमाल करके अपराधी भारतीय नागरिकों को निशाना बना रहे थे।

जनता को जागरूक करने का अभियान

सरकार ने डिजिटल गिरफ्तारी के खिलाफ एक व्यापक जागरूकता अभियान भी शुरू किया है। इसके तहत कई माध्यमों से लोगों तक जानकारी पहुंचाई जा रही है

– अखबारों में विज्ञापन

– दिल्ली मेट्रो में घोषणाएं

– सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के माध्यम से विशेष पोस्ट

– प्रसार भारती और अन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनलों पर अभियान

– आकाशवाणी पर विशेष कार्यक्रम

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है लोगों को डिजिटल गिरफ्तारी के खतरों से अवगत कराना और उन्हें सतर्क रहने के लिए प्रेरित करना।

साइबर अपराध से निपटने के लिए नए कदम

सरकार ने साइबर अपराध से निपटने के लिए कई नए कदम उठाए हैं:

साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र (CFMC): I4C के तहत एक अत्याधुनिक केंद्र स्थापित किया गया है। यह केंद्र बैंकों, वित्तीय संस्थानों, भुगतान एग्रीगेटर्स और टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर काम कर रहा है।

संयुक्त साइबर समन्वय टीमें (JCCTs): देशभर में सात JCCTs का गठन किया गया है। ये टीमें मेवात, जामताड़ा, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़, विशाखापट्टनम और गुवाहाटी जैसे साइबर अपराध के हॉटस्पॉट में काम कर रही हैं।

नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली: 2021 में शुरू की गई इस प्रणाली के माध्यम से अब तक 9.94 लाख शिकायतों पर कार्रवाई की गई है और 3,431 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि को धोखाधड़ी से बचाया गया है।

राष्ट्रीय हेल्पलाइन: गृह मंत्रालय ने साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए एक राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है।

इन सभी प्रयासों का उद्देश्य है डिजिटल अपराधों पर लगाम लगाना और नागरिकों को सुरक्षित रखना। हालांकि, यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है क्योंकि अपराधी लगातार नए तरीके खोजते रहते हैं।

 

 

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