Habit of eating hair Dungarpur : डूंगरपुर। खबर राजस्थान के डूंगरपुर जिले से है। जहां 5 साल की एक बच्ची कुछ दिनों से खाना नहीं खा रही थी, इस बात से परेशान पैरेंट्स उसे डॉक्टर के पास ले गए। लेकिन डॉक्टर्स ने उसकी जांच की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। बच्ची के पेट में बाल भरे हुए थे। इसके बाद 9 डॉक्टर्स की टीम ने उसका ऑपरेशन किया। करीब 40 मिनट के इस ऑपरेशन के बाद अब बच्ची बिल्कुल फिट है, क्या है पूरा मामला…आपको बताते हैं।
खाना नहीं खाने पर लाए थे अस्पताल
डूंगरपुर जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 16 अप्रैल की रात एक 5 साल की बच्ची को लाया गया था। परिजनों की शिकायत थी कि बच्ची खाना नहीं खा रही है। इसके अलावा बच्ची के पेट पर सूजन भी दिखती है। इसके बाद डॉक्टर्स ने बच्ची की जांच करवाई, तो डॉक्टर्स भी हैरान रह गए। क्योंकि बच्ची के पेट में बाल भरे हुए थे।
यह भी पढ़ें : UPSC Exam 2023 Result : सिविल सर्विसेज रिजल्ट में आदित्य टॉपर, टॉप 20 में यूपी के 8, राजस्थान का एक कैंडिडेट
5 साल की बच्ची के पेट में 500 ग्राम बाल
डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज की वरिष्ठ सर्जन डॉ. सुषमा यादव का कहना है जांच में बालों का गुच्छा दिखने के बाद बच्ची को भर्ती कर लिया गया और उसकी तबीयत थोड़ी ठीक होने पर आज डॉ. महेंद्र डामोर, डॉ. सुषमा, डॉ. अर्जुन खराड़ी, डॉ. रजत यादव, डॉ. सुहानी गडिया, डॉ. विनीता गोधा, डॉ. अमित जैन, डॉ. कुश, डॉ. कमला सहित पुष्पा कटारा, जावेद, माया सिस्टर की टीम ने बच्ची का ऑपरेशन किया। करीब 40 मिनट के इस ऑपरेशन के बाद बच्ची के पेट से 500 ग्राम बालों का गुच्छा निकला है। जो उसके पेट से लेकर आंतों तक फैल गया था। अब बच्ची बिल्कुल फिट है।
यह भी पढ़ें : Loksabha Election 2024 : 102 सीटों पर वोटिंग का काउंटडाउन, आज शाम 6 बजे थमेगा प्रचार, यह पाबंदी भी !
ट्रिकोबेजार बीमारी में होता है ऐसा
डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज की सीनियर सर्जन डॉ. सुषमा यादव का कहना है आमतौर पर साइकियाट्रिक पेशेंट में ऐसी आदत मिलती है, वो अपने बाल नोंचकर खा जाते हैं। युवा महिलाओं के भी बाल खाने के मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन, पांच साल की बच्ची में इस तरह का यहां पहला मामला है। यह एक तरह की बीमारी है जिसे ट्रिकोबेजार कहते हैं। इसमें रोगी खुद के बाल खाने लगता है और फिर यह बाल उसके पेट में जमा हो जाते हैं। अगर समय रहते बच्ची को नहीं लाया जाता, तो वो कमजोर होने लगती, ग्रोथ रुक जाती। इससे कई अन्य बीमारियां होने की भी आशंका रहती है।
यह भी पढ़ें : RamNavami Utsav 2024 : रामनवमी पर ऐतिहासिक उल्लास…सूर्यदेव ने किया श्रीराम के मस्तक पर तिलक, जानें पूजा का मुहूर्त