संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार की सुबह से प्रदर्शन का दौर शुरू हुआ है। जिसके बाद संसद सत्र के बीच भी नेताओं के बीच कई मुद्दों पर गहमागहमी का माहौल देखने को मिला है। दरअसल सदन की कार्यवाही के दौरान समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह आपस में संभल हिंसा को लेकर भिड़ गिए हैं।
क्या है मामला
बता दें कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने संभल हिंसा पर बोलते हुए कहा कि यह सोची समझी साजिश है। उन्होंने संभल हिंसा लेकर सदन में बीजेपी पर हमला बोला है। वहीं अखिलेश यादव ने यूपी उपचुनाव में तारीखों के बदलाव को लेकर भी सवाल उठाए हैं। हालांकि जब अखिलेश यादव बोल ही रहे थे कि बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह अपनी सीट से खड़े होकर अखिलेश को काउंटर करने लगे थे।
संभल मुद्दे पर बहस
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने संभल को लेकर कहा कि वहां जो कुछ हुआ, वह सोची-समझी साजिश है। उन्होंने कहा कि सब कुछ सुनियोजित था। बीजेपी ने वहां भाईचारे को गोली मारने का काम किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और उनके सहयोगी, समर्थक, शुभचिंतक जो हर जगह खुदाई की बात कर रहे हैं, उससे हमारे देश का सौहार्द, भाईचारा, देश की गंगा-जमुनी तहजीब खो जाएगा।
गिरिराज, पीयूष गोयल ने संभाला मोर्चा
अखिलेश यादव के आरोपों पर गिरिराज सिंह ने बीजेपी की तरफ से मोर्चा संभाला और वह अपनी सीट से उठकर बोलने लगे थे। गिरिराज सिंह ने बोला कि उनकी अखिलेश यादव की बात पर नाराजगी है। गिरिराज सिंह को अकेले देख उनके पीछे से पीयूष गोयल भी आ गये थे। हालांकि हंगामे के बीच भी अखिलेश यादव बोलते नजर आए हैं।
लोकसभा स्पीकर ने कराया शांत
वहीं सदन में दोनों पक्षों के बीच तकरार बढ़ते देख लोकसभा स्पीकर ने भी सत्ता पक्ष के सांसद से अपनी सीट पर बैठने को कहा है। जिसके कुछ देर बार गिरिराज सिंह अपनी सीट पर बैठ गए। इसके कुछ देर बाद गिरिराज सिंह और पीयूष गोयल दोनों ने अपनी सीट पर खड़े होकर अखिलेश के बयान पर नाराजगी व्यक्त की है।
संसद के बाहर प्रदर्शन
गौरतलब है कि इंडिया गठबंधन के नेताओं ने संसद सत्र शुरू होने से पहले ही बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया था। राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं ने इस दौरान नारे बाजी करते हुए कहा कि ’मोदी-अडानी भाई-भाई’ ,प्रधानमंत्री सदन में आओ। वहीं संसद के शीतकालीन सत्र पर JMM सांसद महुआ माजी ने कहा कि हमेशा से INDIA गठबंधन चाहता है कि सदन सुचारु रूप से चले। लेकिन सत्ता पक्ष किसी ना किसी मुद्दे पर हमेशा अड़ा रहता है।