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2020 में केजरीवाल ने दिल्ली में 24 घंटे खुलने वाले बाजार का किया था वादा, जानें अब तक क्या हुआ?

दिल्ली सरकार ने 24 घंटे खुलने वाले बाजार बनाने का जो वादा किया था, उसका असर अब तक बहुत बड़ा नहीं दिखा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम का सपना था कि दिल्ली को भी मुंबई की तरह एक ऐसा शहर बनाया जाए, जहां दुकानें और बाजार दिन-रात खुले रहें। उनका कहना था कि इससे न सिर्फ दिल्ली के व्यापारियों को फायदा होगा, बल्कि यह कदम पर्यटन को बढ़ावा देने और दिल्ली की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने में भी मदद करेगा। लेकिन अगर हम गौर से देखें तो यह सपना पूरा होने में अभी काफी वक्त लगेगा।

तो क्या दिल्ली में सचमुच 24 घंटे खुले बाजार हैं? क्या दिल्ली ने इस वादे को पूरा किया? चलिए, जानते हैं।

24 घंटे खुलने वाले बाजार का था वादा

दरअसल, दिल्ली सरकार का उद्देश्य था कि शहर के प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 24 घंटे खुलने वाले बाजार बनाए जाएं। मुख्यमंत्री केजरीवाल का यह भी मानना था कि इस कदम से दिल्ली की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि इस तरह के बाजारों से पर्यटन, रोजगार और व्यापार को नया जोश मिलेगा। इसके लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के मास्टर प्लान में भी 24 घंटे खुलने वाली दुकानों को लेकर सुझाव दिए गए थे।

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इस योजना का मुख्य उद्देश्य था कि दिल्ली को एक ऐसा शहर बनाया जाए, जहां दुकानें, रेस्तरां, कॉल सेंटर और अन्य संस्थान दिन-रात खुले रहें। लेकिन इसके लिए कई कानूनी बदलाव की जरूरत थी। दिल्ली के श्रम कानूनों के तहत दुकानों को 24 घंटे खुलने की अनुमति नहीं थी, और इसके लिए अनुमति की प्रक्रिया भी काफी जटिल थी।

उपराज्यपाल का आदेश: 314 संस्थानों को मिली छूट

अक्टूबर 2022 में दिल्ली के उपराज्यपाल ने एक बड़ा कदम उठाया और 314 संस्थानों को 24 घंटे खुलने की अनुमति दे दी। इनमें से कुछ आवेदन 2016 से लंबित थे। उपराज्यपाल दफ्तर का कहना था कि इन संस्थानों ने कई सालों से आवेदन किए थे, लेकिन दिल्ली का श्रम विभाग इनके आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा था। इसके बाद उपराज्यपाल ने दिल्ली शॉप्स एंड एस्टैबलिशमेंट एक्ट, 1954 की धारा 14, 15 और 16 के तहत इन संस्थानों को छूट दी, और अब ये संस्थान 24 घंटे खुले रह सकते थे।

दिल्ली सरकार का कदम: 24 घंटे खुलने वाली दुकानों की अनुमति

दिल्ली सरकार ने इस फैसले के बाद अपनी ओर से भी कुछ कदम उठाए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 7 जून 2023 को 144 दुकानों और प्रतिष्ठानों को 24 घंटे खुले रहने की अनुमति दी। इसके बाद इस फाइल को उपराज्यपाल के पास भेजा गया और इन दुकानों को शॉप्स एंड एस्टैबलिशमेंट एक्ट के तहत छूट दी गई। इस कदम को लेकर चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने भी खुशी जताई और कहा कि इससे दिल्ली के कारोबारी माहौल में सुधार होगा।

इसके बाद, सरकार ने इस अनुमति प्रक्रिया को डिजिटल किया ताकि व्यापारी और दुकानदार आसानी से आवेदन कर सकें। इससे फायदा यह हुआ कि अब दुकानदारों को रात में भी कारोबार करने का मौका मिल गया। खासकर रेस्तरां, होटल, ग्रॉसरी स्टोर्स जैसे व्यापारियों को इसका सीधा फायदा हुआ।

कब-कब मिली अनुमति?

अगर हम पूरी प्रक्रिया पर नजर डालें तो हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि दिल्ली में 24 घंटे खुलने वाली दुकानों की अनुमति कब-कब दी गई।

 

तारीख संस्थानों/दुकानों की संख्या
अक्टूबर 2022 314 संस्थानों को अनुमति मिली
जून 2023 155 दुकानों को अनुमति मिली
अगस्त 2023 29 और दुकानों को अनुमति मिली
नवंबर 2023 83 और प्रतिष्ठानों को अनुमति मिली
फरवरी 2024 23 और दुकानों को अनुमति मिली
अक्टूबर 2024 111 दुकानों को अनुमति मिली

 

इस तरह से 2024 तक कुल 699 दुकानों और प्रतिष्ठानों को 24 घंटे खुले रहने की अनुमति मिल चुकी है। हालांकि, इन दुकानों को कुछ शर्तें भी माननी पड़ी हैं, जैसे कि गर्मियों में रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक और सर्दियों में रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक महिला कर्मचारियों के काम करने की अनुमति नहीं होगी।

शर्तें और नियम

इन दुकानों को 24 घंटे खुले रखने के लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण शर्तें यह हैं:

महिला कर्मचारियों को विशेष समय में काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। गर्मियों में यह समय रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक और सर्दियों में रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक होगा।

दुकानों का समय: दुकानों को निर्धारित समय के भीतर खुला और बंद करना होगा। अगर ग्राहक किसी कारणवश 15 मिनट से ज्यादा इंतजार करता है, तो दुकान को अतिरिक्त 15 मिनट का समय दिया जा सकता है।

इन शर्तों को लागू करने का उद्देश्य महिलाओं के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करना और दुकान मालिकों को निर्धारित नियमों के भीतर काम करने के लिए प्रेरित करना था।

वादा कितना पूरा हुआ?

अब सवाल यह है कि दिल्ली सरकार का वादा कितना पूरा हुआ? जहां तक बात है, तो दिल्ली सरकार ने बड़ी संख्या में दुकानों और प्रतिष्ठानों को 24 घंटे खुले रहने की अनुमति दी है। लेकिन जिस पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली में 24 घंटे खुलने वाले बाजार बनने थे, वह योजना अब तक पूरी तरह से जमीन पर उतर नहीं सकी है।

क्या फायदे हुए?

ग्रॉसरी स्टोर और रेस्तरां: अब रात के समय भी खाने-पीने की चीजें आसानी से मिल सकती हैं। रेस्तरां और होटल अब रात भर खुल सकते हैं, जिससे ग्राहक कभी भी अपनी पसंदीदा डिश का आनंद ले सकते हैं।

आईटी कंपनियां और कॉल सेंटर: कई आईटी कंपनियां और कॉल सेंटरों को भी इस छूट का फायदा हुआ है। उनका कहना है कि 24 घंटे खुले रहने से उनके कर्मचारियों को भी दफ्तर में काम के दौरान आसानी से खाना-पीना मिल जाता है।

व्यापारिक माहौल में सुधार: इस फैसले से दिल्ली में कारोबारी माहौल में सुधार हुआ है, और शहर का व्यापार भी बढ़ा है।

पायलट प्रोजेक्ट केवल कागजों तक ही सीमित

वहीं दूसरी ओर, जो पायलट प्रोजेक्ट के तहत बाजार बनने थे, वह अब तक तो केवल कागजों तक ही सीमित हैं। पायलट प्रोजेक्ट का जो हिस्सा था, वह अब तक लागू नहीं हो पाया है। तो कुल मिलाकर देखा जाए, तो दिल्ली सरकार ने कई दुकानों को 24 घंटे खुलने की अनुमति जरूर दी है, लेकिन वह जो 24 घंटे खुले बाजार बनाने का वादा था, वह अब तक अधूरा ही है। फिर भी, जिन दुकानों को यह छूट दी गई है, उन्होंने इसका लाभ उठाया है, और दिल्ली को एक नए व्यापारिक स्वरूप में ढालने के लिए इस कदम को सकारात्मक रूप से देखा जा रहा है।