दिल्ली चुनाव 2025 के नतीजे 8 फरवरी, शनिवार को घोषित किए जाएंगे। 5 फरवरी को हुए मतदान में 60.44% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिसके बाद अब पूरा देश इस बात का इंतजार कर रहा है कि दिल्ली की सत्ता पर कौन काबिज होगा। क्या आम आदमी पार्टी (AAP) लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी, या भारतीय जनता पार्टी (BJP) 27 साल बाद सत्ता में वापसी करेगी?
कब और कैसे देख सकते हैं चुनाव के नतीजे?
मतगणना 8 फरवरी की सुबह 7 बजे शुरू होगी। चुनाव आयोग के तकरीबन 5,000 कर्मचारी इस प्रक्रिया में शामिल होंगे। शुरुआती रुझान सुबह 9 से 10 बजे तक आने लगेंगे, और दोपहर 12 बजे तक नतीजों की तस्वीर काफी हद तक साफ हो जाएगी। वहीं लाइव नतीजे देखने के लिए आप चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट समेत तमाम न्यूज चैनल्स और उनकी वेबसाईट का भी प्रयोग कर सकतें हैं।
हमारी वेबसाईट पर भी जान सकते हैं आप चुनाव नतीजों संबंधी लाइव अपडेट :
क्या कह रहे हैं एग्जिट पोल्स?
चुनाव नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल्स में बीजेपी को बढ़त मिलती दिखाई दी है। अगर ये पोल्स सही साबित होते हैं, तो दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार को बड़ा झटका लग सकता है। हालांकि, एग्जिट पोल्स कई बार गलत भी साबित हुए हैं, इसलिए असली तस्वीर मतगणना के बाद ही साफ होगी।
किसकी किस्मत दांव पर? बड़े नेताओं की चुनावी परीक्षा
इस बार के चुनाव में अरविंद केजरीवाल समेत कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी है। जिनमें से कुछ प्रमुख यह हैं :
- अरविंद केजरीवाल – आम आदमी पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
- आतिशी – आम आदमी पार्टी की नेता कालकाजी विधानसभा सीट से मैदान में हैं।
- मनीष सिसोदिया – पटपड़गंज सीट से उनकी जगह अवध ओझा को मौका दिया गया।
- सौरभ भारद्वाज – ग्रेटर कैलाश सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हैं।
- रामवीर बिधूड़ी – दिल्ली में बीजेपी के कद्दावर नेता बदरपुर से चुनाव लड़ रहे हैं।
- परवेश सिंह वर्मा – बीजेपी के बड़े चेहरे और पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे नई दिल्ली सीट से ताल ठोक रहे हैं।
- अलका लांबा – कांग्रेस नेता कालकाजी सीट से आतिशी के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं।
महिला और युवा वोटर्स की क्या भूमिका रही?
दिल्ली के कुल मतदाताओं की संख्या 1.55 करोड़ थी, जिनमें 83.76 लाख पुरुष, 72.36 लाख महिलाएं और 1,267 थर्ड जेंडर वोटर्स थे। इस चुनाव में महिलाओं और युवाओं की बड़ी भागीदारी देखी गई, जिससे यह चुनाव और भी दिलचस्प हो गया।
क्या होगा अगर किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला?
दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीटें हैं, और सरकार बनाने के लिए 36 सीटों पर जीत जरूरी है। अगर किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है, तो दिल्ली में गठबंधन सरकार की संभावना बन सकती है। कांग्रेस इस बार कमजोर स्थिति में दिख रही है, लेकिन अगर त्रिशंकु विधानसभा बनी, तो वह किंगमेकर की भूमिका में आ सकती है।
क्या होगा अगर बीजेपी सत्ता में आती है?
अगर बीजेपी 27 साल बाद सत्ता में लौटती है, तो सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन बनेगा? पार्टी बिना सीएम चेहरे के चुनाव में उतरी थी, इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी कोई नया प्रयोग करती है या फिर किसी वरिष्ठ नेता को मौका दिया जाता है।
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