delhi-assembly-election-kejriwal-aap-candidates-list-before-election

दिल्ली चुनाव में AAP का माइंड गेम: उम्मीदवारों की लिस्ट चुनाव से पहले क्यों जारी की, समझिए केजरीवाल की चाल

दिल्ली चुनाव में AAP का माइंड गेम:  दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) इस बार कुछ अलग करने वाली है। आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित होने से पहले ही दिल्ली की 70 सीटों में से 31 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। अब तक 11 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की पहली लिस्ट और 20 सीटों की दूसरी लिस्ट जारी की जा चुकी है। यानी चुनाव का ऐलान होने से पहले ही पार्टी ने अपनी आधी से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार तय कर लिए हैं। अब सवाल ये है कि इतनी जल्दी-जल्दी ये फैसला क्यों लिया गया? अरविंद केजरीवाल आखिर क्या दांव खेल रहे हैं?

जल्दी-जल्दी उम्मीदवार क्यों तय किए गए?

दिल्ली विधानसभा चुनाव का ऐलान अभी नहीं हुआ है, लेकिन आम आदमी पार्टी ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की आधी लिस्ट पहले ही जारी कर दी है। राजनीति के जानकारों की मानें तो केजरीवाल की ये रणनीति पूरी तरह से प्लान्ड है। उनका मकसद यह है कि दिल्ली में ये साबित किया जाए कि आम आदमी पार्टी के पास बीजेपी और कांग्रेस से कहीं ज्यादा तैयारी है। साथ ही, यह भी दिखाना है कि चुनावी रणनीति में AAP विरोधियों से कई कदम आगे है।

मौजूदा विधायकों को नहीं मिला टिकट, नए चेहरे उतारे

अब तक जिन सीटों पर AAP ने उम्मीदवारों का ऐलान किया है, उनमें से कई सीटों पर पुराने नेताओं का टिकट काटा गया है। ये बदलाव इस बात का संकेत हैं कि पार्टी अब नए चेहरों पर भरोसा कर रही है। आम आदमी पार्टी ने उन सीटों पर बदलाव किया है, जहां पार्टी के लिए चुनौती हो सकती थी। इससे नए उम्मीदवारों को समय मिलेगा कि वे अपने इलाके में अपनी पहचान बना सकें। खासकर उन नेताओं को टिकट दिया गया है, जो बीजेपी या कांग्रेस से हाल ही में AAP में शामिल हुए हैं, ताकि वे चुनावी जंग में तैयार रहें।

बगावत का खतरा कम करने की कोशिश

जिन विधायकों का टिकट काटा गया है, उनके नाराज होने का खतरा था। लेकिन केजरीवाल और उनकी पार्टी के पास अब समय है कि वे बगावत करने वाले नेताओं की नाराजगी दूर कर सकें। उनका यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि चुनाव से पहले पार्टी के अंदर किसी भी तरह की बगावत न हो। इस तरह के बदलाव पार्टी को अपनी रणनीति को और मजबूत करने का मौका देते हैं। अगर किसी नेता को नाराजगी हो भी तो अब उनके साथ बातचीत करके समस्या को हल किया जा सकता है।

जीतने के दावेदारों पर भरोसा

आम आदमी पार्टी ने जिन सीटों पर उम्मीदवार तय किए हैं, उन सीटों पर पहले से ज्यादा मेहनत करने की जरूरत थी। केजरीवाल का यह फैसला है कि उन सीटों पर पहले से ही मजबूत और जीतने के संभावनाओं वाले उम्मीदवारों को उतारकर पार्टी को फायदा पहुंचाया जाए। इसके अलावा, कुछ ऐसे पुराने नाम भी हैं, जिनका टिकट काटा गया है, जैसे मनीष सिसोदिया की सीट बदल दी गई है और दिलीप पांडे का टिकट भी कट चुका है। मतलब साफ है, AAP अब किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती और सिर्फ उन उम्मीदवारों को मैदान में उतार रही है जिनकी जीत की संभावना ज्यादा हो।

दिल्ली चुनाव के लिए लिटमस टेस्ट

इस बार का दिल्ली चुनाव अरविंद केजरीवाल के लिए बहुत अहम साबित होने वाला है। कई लोगों के लिए यह चुनाव AAP और उनके नेता अरविंद केजरीवाल के लिए एक “लिटमस टेस्ट” जैसा है। यही वजह है कि वह किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते। आम आदमी पार्टी इस बार केवल वही उम्मीदवार मैदान में उतार रही है जिनके जीतने की संभावना ज्यादा हो। इसका मतलब है कि दिल्ली में जीतने की जंग किसी भी कीमत पर हारने नहीं दी जाएगी।

यह भी पढ़े-