दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 17 सीटों पर बाहरी नेताओं का दबदबा देखने को मिला है। इन नेताओं में हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से आने वाले विधायकों का सबसे ज्यादा प्रभाव रहा है। इस बार, इन बाहरी नेताओं ने न केवल अपनी पार्टी की ताकत बढ़ाई, बल्कि दिल्ली की राजनीति में अपना महत्वपूर्ण स्थान भी बनाया।
हरियाणा के 6 विधायक दिल्ली विधानसभा में
दिल्ली विधानसभा में हरियाणा के नेताओं का दबदबा साफ तौर पर देखा गया। हरियाणा से कुल 6 विधायक चुने गए हैं, जो इस बार की खासियत है। इनमें से कुछ विधायक तो बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों के टिकट पर चुने गए हैं। ये सभी विधायक अपनी-अपनी सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रहे हैं।
मनजिंदर सिंह सिरसा की जीत
सिरसा के मनजिंदर सिंह सिरसा ने बीजेपी के टिकट पर राजौरी गार्डन सीट से जीत हासिल की। यह सीट पहले भी बीजेपी के पास थी और सिरसा ने इस सीट को अपनी पार्टी के खाते में रख लिया। मनजिंदर सिंह ने अपनी राजनीति की शुरुआत शिरोमणि अकाली दल से की थी और अब वो बीजेपी से जुड़े हुए हैं।
वीरेंद्र कादियान की ऐतिहासिक जीत
दिल्ली कैंट से हरियाणा के वीरेंद्र कादियान ने आम आदमी पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ा और बीजेपी को हराया। वीरेंद्र कादियान ने अपनी जबरदस्त मेहनत से दिल्ली कैंट में बीजेपी की सीट को छीन लिया। वे झज्जर, हरियाणा से आते हैं और आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े स्टार कैंडिडेट थे।
पवन शर्मा की जीत
हरियाणा के जींद जिले के पवन शर्मा ने उत्तम नगर सीट पर बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की। पवन शर्मा ने आम आदमी पार्टी के पूजा बालियान को हराया। पूजा बालियान पूर्व विधायक नरेश बालियान की पत्नी थीं और उनकी हार से यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई।
बिहार के मधुबनी और अन्य जिलों से विधायक
बिहार से भी दिल्ली विधानसभा में कई विधायक चुने गए हैं। इस बार बिहार के मधुबनी जिले के दो नेताओं, संजीव झा और अनिल झा ने आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की है। ये दोनों नेता पहले भी दिल्ली में अपनी चुनावी यात्रा का हिस्सा रहे हैं और अब एक बार फिर से दिल्ली की विधानसभा में अपनी जगह बनाए हैं।
संजीव झा और अनिल झा की जीत
संजीव झा ने बुरारी सीट से जीत हासिल की है। वे चार बार से विधायक हैं और इस बार उन्होंने जेडीयू के शैलेंद्र कुमार को हराया। वहीं अनिल झा ने किरारी से बीजेपी के बजरंग शुक्ला को हराया। इन दोनों नेताओं की जीत बिहार के मिथिलांचल इलाके में खासा महत्व रखती है, क्योंकि यहां के लोग काफी प्रभावशाली माने जाते हैं।
चंदन चौधरी और अभय वर्मा की जीत
बिहार के खगड़िया जिले के चंदन चौधरी ने संगम विहार सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीता। उन्होंने आम आदमी पार्टी के दिनेश मोहनिया को हराया। इसी तरह लक्ष्मी नगर सीट से बीजेपी के अभय वर्मा ने जीत हासिल की। वर्मा दरभंगा जिले के मूल निवासी हैं और उनका इस चुनाव में काफी प्रभाव रहा।
उत्तर प्रदेश से 3 विधायक
उत्तर प्रदेश के भी तीन विधायक दिल्ली विधानसभा में चुने गए हैं। इनमें से एक विधायक ओखला सीट से अमानतुल्लाह खान हैं। अमानतुल्लाह खान मेरठ जिले से आते हैं और उन्होंने बीजेपी के मनीष चौधरी को हराया।
गोपाल राय और जुबेर की जीत
दिल्ली के बाबरपुर सीट से गोपाल राय विधायक बने हैं। वे दिल्ली के आप के अध्यक्ष भी हैं और उनकी यह जीत पार्टी के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वहीं हापुड़ से जुबेर ने सीलमपुर सीट से जीत हासिल की है। जुबेर के पिता मतीन अहमद भी पहले इस सीट से विधायक रहे थे।
उत्तराखंड के दो विधायक
उत्तराखंड से दो विधायक भी दिल्ली विधानसभा में पहुंचे हैं। ये दोनों विधायक दिल्ली की राजनीति में अपनी जगह बनाने में सफल रहे हैं। मोहन सिंह बिष्ट और रवींद्र नेगी ने पटपड़गंज सीट पर जीत हासिल की। रवींद्र नेगी ने आम आदमी पार्टी के अवध ओझा को हराया।
दिल्ली में बाहरी नेताओं का बढ़ता दबदबा
दिल्ली में बाहरी नेताओं की जीत इस बात को साबित करती है कि राष्ट्रीय राजधानी में हर राज्य का एक मजबूत सियासी दबदबा है। इस बार की दिल्ली विधानसभा में बाहरी नेताओं ने न केवल अपनी पार्टी की ताकत बढ़ाई, बल्कि दिल्ली के सियासी माहौल में भी अपनी छाप छोड़ी। इस प्रकार, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश, और उत्तराखंड जैसे राज्यों के नेताओं ने दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है।
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