दिल्ली की नई बीजेपी सरकार, मोहल्ला क्लीनिक, डीटीसी बसें

एक्शन मोड में दिल्ली की नई सरकार , आतिशी के निजी स्टाफ की सेवाएं खत्म, मोहल्ला क्लीनिकों की जांच शुरू

दिल्ली की नई बीजेपी सरकार ने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद ही एक्शन मोड में कदम बढ़ा दिए हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) के नेतृत्व वाली सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और अन्य मंत्रियों के निजी स्टाफ की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। साथ ही, सरकार ने उन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके मूल विभाग में वापस बुलाने का आदेश दिया है, जो प्रतिनियुक्ति (Deputation) पर दूसरे विभागों, बोर्ड या कॉर्पोरेशन में काम कर रहे थे।

इसके अलावा, स्वास्थ्य और परिवहन विभाग में भी बड़े बदलाव किए गए हैं। सरकार ने मोहल्ला क्लीनिकों की जांच शुरू कर दी है और डीटीसी बसों की हालत का आंकलन करने का फैसला लिया है।

क्या है निजी स्टाफ की सेवाएं खत्म करने का मामला?

नई सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और अन्य मंत्रियों के निजी स्टाफ की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। ये वो कर्मचारी थे, जो किसी सरकारी विभाग में स्थायी तौर पर नियुक्त नहीं थे। इन्हें ‘पर्सनल स्टाफ’ या ‘नॉन-ऑफिशियल स्टाफ’ कहा जाता है। ये कर्मचारी मुख्यमंत्री या मंत्रियों के लिए काम करते हैं और कभी-कभी निर्णय लेने में भी इनकी भूमिका अहम होती है।

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सरकार ने इन कर्मचारियों की सेवाएं खत्म करके यह संकेत दिया है कि अब सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दी जाएगी। इस कदम को बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र से भी जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें पार्टी ने दिल्ली के 50 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था।

अस्थायी कर्मचारियों की जगह परमानेंट नियुक्ति की तैयारी

दिल्ली सरकार ने सभी विभागों से अस्थायी या कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों की लिस्ट मांगी थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (GAD) ने हफ्ते भर पहले ही यह लिस्ट मांगी थी। अनुमान है कि दिल्ली में फिलहाल 20 हजार से अधिक पदों पर अस्थायी कर्मचारी काम कर रहे हैं।

सरकार का प्लान है कि इन पदों पर अस्थायी कर्मचारियों की जगह परमानेंट कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए। इस कदम को युवाओं को रोजगार देने के बीजेपी के वादे से जोड़कर देखा जा रहा है।

मोहल्ला क्लीनिकों की जांच शुरू

दिल्ली के स्वास्थ्य और परिवहन मंत्री पंकज कुमार सिंह ने अपने विभाग की बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की हालत बहुत खराब है। मंत्री ने सभी मोहल्ला क्लीनिकों की जांच के आदेश दिए हैं। इस जांच में क्लीनिकों में दवाओं की कमी और डॉक्टर्स द्वारा जारी प्रिस्क्रिप्शंस की भी समीक्षा की जाएगी।

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स्वास्थ्य विभाग में सुधार के लिए सरकार ने आयुष्मान भारत योजना को भी लागू किया है। इस योजना के तहत 10 लाख रुपये तक का इलाज किया जाएगा, जिसमें 5 लाख रुपये दिल्ली सरकार और 5 लाख रुपये केंद्र सरकार द्वारा दिए जाएंगे।

परिवहन विभाग में भी बड़े बदलाव

परिवहन विभाग में भी सरकार ने बड़े बदलाव किए हैं। मंत्री पंकज कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल 40% डीटीसी बसें डिपो में खड़ी हैं और नई बसें भी नहीं खरीदी गई हैं। सरकार ने इन बसों का आंकलन करने का फैसला लिया है। गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, सरकार ने परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार और अक्षमता को दूर करने के लिए कड़े कदम उठाने का संकेत दिया है।

क्या है बीजेपी सरकार का अगला प्लान?

दिल्ली की नई बीजेपी सरकार ने शुरुआत से ही सख्त रुख अपनाया है। सरकार का मकसद है कि सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही लाई जाए। इसके लिए सरकार ने निजी स्टाफ की सेवाएं खत्म करने के साथ-साथ अस्थायी कर्मचारियों की जगह परमानेंट नियुक्ति का फैसला लिया है। स्वास्थ्य और परिवहन विभाग में भी सुधार के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं। सरकार का अगला फोकस युवाओं को रोजगार देने और सरकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने पर होगा।