दिल्ली में 2025 विधानसभा चुनाव की वोटिंग से एक दिन पहले ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। राजधानी दिल्ली के कालका जी विधानसभा क्षेत्र में बीती रात हंगामा हुआ, और इस दौरान दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के लिए दो बड़ी और कड़ी खबरें आईं। एक ओर जहां पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की, वहीं दूसरी ओर दिल्ली हाईकोर्ट ने भी आतिशी को नोटिस भेज दिया है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
1. कालका जी में हंगामा, चुनाव प्रचार के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन
दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार करने का समय कल रात 10 बजे समाप्त हो चुका था। लेकिन इसके बावजूद राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने देर रात तक विभिन्न इलाकों में प्रचार जारी रखा, जिससे कई स्थानों पर हंगामा हुआ। सबसे ज्यादा विवाद दिल्ली के कालका जी विधानसभा क्षेत्र में हुआ, जो मुख्यमंत्री आतिशी का चुनाव क्षेत्र है।
यह घटना तब घटी जब मुख्यमंत्री आतिशी अपने समर्थकों के साथ फतेह सिंह मार्ग पर पहुंची। पुलिस के मुताबिक, आतिशी ने 10 गाड़ियों और 50-60 समर्थकों के साथ वहां प्रचार किया। जबकि चुनाव प्रचार का समय खत्म हो चुका था, और आचार संहिता के तहत चुनावी प्रचार पर रोक लग चुकी थी। पुलिस ने उन्हें वहां से जाने के लिए कहा, लेकिन आतिशी ने इसका विरोध किया और मौके से हटने से मना कर दिया।आतिशी के इस कदम को चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन माना, और इसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की। एफआईआर में आरोप लगाया गया कि आतिशी और उनके समर्थकों ने सरकारी काम में बाधा डाली और आचार संहिता का उल्लंघन किया।
2. दूसरा मामला: पुलिस पर हमला और सरकारी काम में रुकावट डालने का आरोप
इसके बाद एक और मामला सामने आया, जिसमें आतिशी के समर्थकों पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी काम में बाधा डाली और पुलिस पर हमला किया। इस घटना में पुलिस ने आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में आतिशी और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई की। इसके साथ ही भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी के भतीजे मनीष बिधूड़ी के खिलाफ भी रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस को एक गाड़ी में संदिग्ध सामान होने की सूचना मिली थी, लेकिन जांच के दौरान कोई आपत्तिजनक सामान नहीं मिला।
3. हाईकोर्ट का नोटिस: मानहानि के मामले में आतिशी को नोटिस
अब बात करते हैं हाईकोर्ट के नोटिस की। दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री आतिशी को मानहानि के मामले में नोटिस भेजा है। यह नोटिस भाजपा नेता परवीन शंकर कपूर द्वारा दायर की गई याचिका पर जारी किया गया है। याचिका में सेशंस कोर्ट द्वारा आतिशी के खिलाफ जारी समन को रद्द किए जाने को चुनौती दी गई थी। सेशंस कोर्ट ने फैसला किया था कि आतिशी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी समन को रद्द किया जाए। अब इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है, और कोर्ट ने इसके खिलाफ नोटिस जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।
#WATCH | Delhi: On Delhi High Court’s Notice to Delhi CM & AAP candidate from Kalkaji, Atishi, BJP leader Praveen Shankar Kapoor says, “If ‘Satyameva Jayate’ prevails anywhere, then it is in our courts… The case which I filed against Atishi for the defamation of BJP workers was… pic.twitter.com/TC1APaMPvb
— ANI (@ANI) February 4, 2025
आतिशी ने पुलिस पर लगाया आरोप, उल्टे उनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने अपनी शिकायत में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उनकी शिकायत देने के बाद उल्टा पुलिस ने उनके खिलाफ ही दो मामले दर्ज कर दिए। आतिशी का आरोप है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के झुग्गी बस्तियों के लोगों को धमकाया था, लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की और उनके खिलाफ ही मामला दर्ज कर दिया। आतिशी ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जब पुलिस ने उन्हें वहां से हटने के लिए कहा, तो उन्होंने इसे मानने से इंकार कर दिया। बाद में चुनाव आयोग की शिकायत पर पुलिस ने उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया।
पुलिस का क्या कहना है?
पुलिस ने बयान जारी करते हुए कहा कि 4 फरवरी की रात करीब 12:30 बजे कालका जी के फतेह सिंह मार्ग पर आतिशी और उनके समर्थक पाए गए। पुलिस ने उन्हें आचार संहिता का हवाला देते हुए वहां से जाने का निर्देश दिया, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज किया। पुलिस के अनुसार, एफएसटी (फ्लाइंग स्क्वाड टीम) की शिकायत पर गोविंदपुरी पुलिस स्टेशन में आचार संहिता उल्लंघन और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि इस कार्रवाई के तहत धारा 223 बीएनएस और 126 आरपी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा नेता मनीष बिधूड़ी के खिलाफ भी जांच की गई, लेकिन गाड़ी में कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया गया।
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