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दिल्ली HC ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका की खारिज, कहा – UPSC ही नहीं समाज के साथ भी फ्रॉड

Court Rejects Bail Plea of Pooja Khedkar: दिल्ली हाई कोर्ट ने बर्खास्त ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि पूजा ने जो धोखाधड़ी की है, वह सिर्फ UPSC के साथ ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के साथ भी गड़बड़ी है। इसी वजह से उनकी जमानत याचिका को खारिज किया जाता है और उन्हें दी गई अंतरिम सुरक्षा भी रद्द कर दी जाती है। पूजा पर आरोप है कि उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा में धोखाधड़ी की और ओबीसी और दिव्यांग कोटे का गलत फायदा लिया।

कोर्ट ने जमानत की याचिका खारिज

दिल्ली हाई कोर्ट ने 21 दिसंबर को पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है और इस पर गहन जांच की जरूरत है। पूजा पर जो आरोप लगाए गए हैं, वे सिर्फ एक परीक्षा में धोखाधड़ी करने के नहीं, बल्कि एक पूरी प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ करने के हैं, इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती।

पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने UPSC सिविल सर्विस परीक्षा में धोखाधड़ी की। उन्होंने ओबीसी और दिव्यांगता कोटे का फर्जी तरीके से फायदा लिया, ताकि उन्हें परीक्षा में ऊंची रैंक मिल सके। जब यह मामला सामने आया, तो UPSC ने उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी और साथ ही भविष्य में किसी भी सरकारी परीक्षा में शामिल होने पर भी पाबंदी लगा दी। इसके बाद पूजा को गिरफ्तार कर लिया गया।

इससे पहले, 1 अगस्त को दिल्ली की एक अदालत ने भी पूजा खेडकर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, और इस मामले की पूरी जांच जरूरी है। फिर, पूजा ने निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन अब हाई कोर्ट ने भी उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है।

 

UPSC ने रद्द की उम्मीदवारी

UPSC ने 31 जुलाई को पूजा की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। इसके बाद, उन्हें भविष्य में किसी भी UPSC परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया गया। UPSC ने कहा था कि पूजा ने परीक्षा में गड़बड़ी की और इस तरह की अनियमितताओं के लिए उन्हें सजा मिलनी चाहिए। पूजा ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं और उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं।

पूजा खेडकर 2022 बैच की ट्रेनी आईएएस अफसर थीं। उन्होंने UPSC सिविल सर्विस परीक्षा 2022 में ऑल इंडिया रैंक 841 हासिल किया था। इसके बाद, उन्हें ट्रेनिंग के दौरान पुणे में असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर पोस्ट किया गया था। जब उन्होंने अपना काम शुरू किया, तो कई विवादों में घिर गईं। उन्होंने अलग चेंबर, लग्जरी कार और एक घर की मांग की, जिसे लेकर काफी चर्चा हुई।

इसके अलावा, पूजा ने अपनी निजी कार पर महाराष्ट्र सरकार का स्टीकर और लाल-नीली बत्तियां भी लगवाली थीं। जब यह बात सामने आई, तो यह विवाद और बढ़ गया। इसके बाद, उनके खिलाफ मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव तक शिकायतें आईं, जिसके बाद उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया था।

समाज और सरकारी सिस्टम के साथ धोखाधड़ी

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि पूजा खेडकर का फ्रॉड सिर्फ UPSC के साथ नहीं, बल्कि पूरी समाज और सरकारी सिस्टम के साथ धोखाधड़ी है। इसलिए, इस मामले में कोई नरमी नहीं बरती जा सकती। कोर्ट ने ये भी कहा कि इस मामले की पूरी जांच जरूरी है और आगे की कार्रवाई इसके आधार पर की जाएगी।

पूजा खेडकर के खिलाफ अभी भी जांच चल रही है, और इस मामले में और फैसले हो सकते हैं। फिलहाल, उन्हें जमानत नहीं मिली है, और पुलिस इस मामले में अपनी कार्रवाई जारी रखेगी।