Atishi Delhi New CM: आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी। मंगलवार सुबह केजरीवाल के आवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में सीएम पद की रेस में आतिशी का नाम सबसे आगे था। जिसके बाद सर्वसम्मति से विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम पर मुहर लगा दी गई है। बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा था, जिसे विधायकों ने एकमत से स्वीकार कर लिया। यह निर्णय दिल्ली की राजनीतिक दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी ने सुझाया नाम
इससे पहले, आम आदमी पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) ने भी दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी का नाम सुझाया था। PAC की बैठक हुई थी, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आतिशी की क्षमताओं और अनुभव को ध्यान में रखते हुए उनके नाम पर सहमति जताई।
कैसा रहा आतिशी का राजनीतिक सफर
आतिशी पहली बार साल 2020 में कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनी थी। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार धर्मवीर सिंह को 11 हजार 393 वोटों से हराया था। आतिशी का राजनीतिक करियर काफी सक्रिय और प्रभावशाली रहा है। वह आप के संस्थापक सदस्य और दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे चुकी हैं। उनकी नीतियों और योजनाओं ने दिल्ली के शिक्षा क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव लाए हैं, जिससे उनके मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं और भी मजबूत हो गई थीं।
पंजाबी राजपूत परिवार में हुआ जन्म
आतिशी का जन्म पंजाबी राजपूत परिवार में 8 जून 1981 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता नाम विजय सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रह चुके हैं। आतिशी ने अपनी स्कूलिंग नई दिल्ली स्प्रिंगडेल स्कूल से की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज में हिस्ट्री से पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में शेवनिंग स्कॉलरशिप पर मास्टर की डिग्री हासिल की।
विधायकों की सहमति
विधायक दल की बैठक में अरविंद केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी विधायकों ने समर्थन किया। यह समर्थन पार्टी के अंदर उनकी लोकप्रियता और क्षमता को दर्शाता है। केजरीवाल ने इस मौके पर कहा कि आतिशी की नेतृत्व क्षमता और काम करने की क्षमता पार्टी के लिए लाभकारी होगी।
सीएम केजरीवाल का इस्तीफा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार (15 सितंबर) को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। उन्होंने यह घोषणा करते हुए कहा कि वे उप-राज्यपाल विनय सक्सेना से आज शाम मुलाकात करेंगे और अपना इस्तीफा सौंप देंगे। यह निर्णय उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लिया।
अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले में 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी उन्हें गिरफ्तार किया। सीबीआई के मामले में उन्हें 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। ईडी के मामले में भी उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी थी। इसी दिन केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आए।
केजरीवाल का इस्तीफे का कारण
केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि वे अग्निपरीक्षा देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक लोग उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं दे देते, तब तक वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। इसके साथ ही उन्होंने आगामी नवंबर में महाराष्ट्र के साथ चुनाव कराने की अपील की।
मुख्यमंत्री पद के लिए ये नाम भी थे चर्चा में
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदारों के रूप में आतिशी, दिल्ली के मंत्री गोपाल राय, कैलाश गहलोत, और सौरभ भारद्वाज के नाम चर्चा में हैं।