अवैध बांग्लादेशी

पकड़े जा रहे अवैध बांग्लादेशी नागरिक, दिल्ली से महारष्ट्र तक पुलिस युद्धस्तर पर चला रही अभियान

दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक अवैध रूप से भारत में आए बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। महाराष्ट्र ATS ने राज्य के कई जिलों में छापेमारी कर कई अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इसी तरह, दिल्ली में भी बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़कर वापस उनके देश भेजा जा रहा है। हाल ही में, 8 बांग्लादेशी नागरिकों को देश से निकालकर बांग्लादेश भेजा गया है।

महाराष्ट्र एटीएस ने 9 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जिनके खिलाफ 5 एफआईआर दर्ज हैं। दिसंबर में एटीएस ने अब तक कुल 19 एफआईआर दर्ज कर 43 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है। नए साल की पूर्व संध्या पर, एटीएस ने बिना वैध पहचान पत्र के रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ एक स्पेशल ड्राइव चलाई, जिसमें इन 9 लोगों को पकड़ा गया।

एटीएस ने पिछले चार दिनों से मुंबई के विक्रोली समेत महाराष्ट्र के नासिक, अकोला, नांदेड़ और औरंगाबाद में सर्च ऑपरेशन चलाया। इस कार्रवाई में उसे बड़ी सफलता मिली है। पकड़े गए आरोपियों पर भारत में अवैध तरीके से घुसने और फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप हैं। पुलिस को इनके पास से फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसे दस्तावेज मिले हैं।

बांग्लादेश से आए 8 अवैध प्रवासियों को पकड़ा

हाल ही में दिल्ली पुलिस ने बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने और उन्हें वापस भेजने के अभियान को तेज़ कर दिया है। साउथ दिल्ली के डीसीपी अंकित चौहान ने जानकारी दी कि पुलिस ने साउथ डिस्ट्रिक्ट में अभियान चलाकर बांग्लादेश से आए 8 अवैध प्रवासियों को पकड़ा। उनके पास बांग्लादेशी पहचान पत्र मिले हैं।

इनमें से कुछ लोग निर्माण स्थलों पर काम कर रहे थे, जबकि कुछ ब्यूटी पार्लर में नौकरी के लिए आवेदन करने की योजना बना रहे थे। जांच के बाद इन्हें विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) के जरिए उनके देश वापस भेजा गया।

दिल्ली पुलिस घर-घर जाकर चलाया अभियान 

दिल्ली पुलिस ने दक्षिण पश्चिम जिले में अवैध अप्रवासियों का पता लगाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया। इसके तहत स्थानीय पुलिस और विशेष इकाइयों की टीमों ने मिलकर कई जगहों पर तलाशी अभियान और निरीक्षण किए।

टीम ने घर-घर जाकर करीब 400 परिवारों का सत्यापन किया और उनके दस्तावेज़ इकट्ठा किए। इसके बाद, इन दस्तावेजों की जांच के लिए संबंधित परिवारों के पते पर, जो पश्चिम बंगाल में थे, सत्यापन प्रपत्र (पर्चा-12) भेजे गए।

पुलिस ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई गलती न हो, संदिग्ध व्यक्तियों के मैन्युअल सत्यापन के लिए एक विशेष टीम बनाई और उसे पश्चिम बंगाल भेजा। इस पूरी प्रक्रिया में गुप्त सूचनाओं का भी उपयोग किया गया।

 

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