New Delhi Railway Station Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बुधवार रात हुए भगदड़ के बाद हालात बेहद डरावने हो गए थे। महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाने वाली विशेष ट्रेनों के चलते स्टेशन पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लेकिन जैसे ही कुछ ट्रेनों के प्लेटफॉर्म बदले गए, अफरातफरी मच गई और देखते ही देखते यह भगदड़ में बदल गई। इस हादसे में कई यात्रियों की जान चली गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं स्टेशन पर काम करने वाले कुली और वेंडरों ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में इससे भयानक दृश्य कभी नहीं देखा।
कुली ने सुनाई आपबीती – 15 शवों को उठाया
स्टेशन पर सालों से काम कर रहे कुली सुगन लाल मीणा ने भगदड़ के दर्दनाक हालात बयां करते हुए बताया कि वे पिछले 44 सालों से स्टेशन पर काम कर रहे हैं, लेकिन ऐसी भीड़ उन्होंने पहले कभी नहीं देखी। कुली ने कहा कि प्रयागराज जाने वाली ट्रेन का प्लेटफॉर्म बदलने से हालात बिगड़ गए। ट्रेन को 12 नंबर से बदलकर 16 नंबर प्लेटफॉर्म पर भेज दिया गया, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। जब बड़ी संख्या में लोग पुल पर चढ़े, तो अचानक भीड़ बेकाबू हो गई। लोग एक-दूसरे को धक्का देने लगे और कई लोग स्केलेटर व सीढ़ियों से गिरकर कुचल गए।
सुगन लाल मीणा ने बताया, “हमने अपने कुली साथियों के साथ मिलकर 15 लाशें गाड़ियों में लोड की हैं। हादसा इतना भयानक था कि हर तरफ जूते और कपड़े बिखरे पड़े थे। मैं खुद यह सब देखकर रो पड़ा और रातभर कुछ नहीं खा पाया।”
#WATCH | Stampede at New Delhi railway station | A porter (coolie) at the railway station says “I have been working as a coolie since 1981, but I never saw a crowd like this before. Prayagraj Special was supposed to leave from platform number 12, but it was shifted to platform… pic.twitter.com/cn2S7RjsdO
— ANI (@ANI) February 16, 2025
26 साल में नहीं देखी ऐसी भीड़: स्टेशन वेंडर
पिछले 26 सालों से स्टेशन पर दुकान चला रहे एक वेंडर ने भी इस घटना को लेकर अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी इतनी भीड़ नहीं देखी, यहां तक कि छठ पूजा जैसे बड़े मौकों पर भी ऐसा नहीं हुआ था।
वेंडर ने बताया, “रातभर स्पेशल गाड़ियां चलाई जा रही थीं, हर 20-30 मिनट में एक ट्रेन जा रही थी। सुरक्षा बल मौजूद थे, लेकिन पुल पर इतनी भीड़ थी कि कंट्रोल करना मुश्किल हो गया। प्लेटफॉर्म पर इतनी भीड़ नहीं थी, लेकिन पुल पर जगह कम होने की वजह से हालात बिगड़ते चले गए।”
रेलवे ने प्लेटफॉर्म बदले जाने से किया इनकार
रेलवे प्रशासन ने कुलियों और प्रत्यक्षदर्शियों के दावे को खारिज किया है। रेलवे का कहना है कि भगदड़ के पीछे कोई प्लेटफॉर्म बदले जाने की बात नहीं थी। रेलवे के मुताबिक, भीड़ ज्यादा होने के कारण स्थिति अनियंत्रित हो गई, जिससे हादसा हुआ। हालांकि, यात्रियों और चश्मदीदों का दावा है कि प्लेटफॉर्म बदलने के कारण ही यात्री गड़बड़ा गए और यह भगदड़ मच गई।
यह भी पढ़ें: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ ने खड़े किये कई सवाल, कौन है इस हादसे का जिम्मेदार?
सुरक्षा इंतजामों पर उठे सवाल
इस घटना के बाद रेलवे स्टेशन पर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। खासकर जब बड़े धार्मिक आयोजनों के दौरान यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है, तो भीड़ नियंत्रण के पुख्ता इंतजाम न होने से ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आती हैं। इस हादसे के बाद रेलवे पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
पीड़ित परिवारों ने की जांच और मुआवजे की मांग
भगदड़ में अपने परिजनों को खोने वाले परिवार सरकार से इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच और पीड़ितों को उचित मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। कई यात्रियों के लापता होने की भी खबरें हैं, जिनकी तलाश में उनके परिजन भटक रहे हैं।