DELHI SSA TEACHERS PROTEST: दिल्ली। सर्व शिक्षा अभियान के तहत काम करने वाले शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार देर रात तक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान महिला शिक्षकों ने हाथों में बैनर लेकर दिल्ली सरकार से अपने लिए न्याय की मांग की। दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित केजरीवाल के आवास के बाहर धरने पर बैठी महिला शिक्षकों ने कहा, ‘आज हम महिला शिक्षक होते हुए भी खुले आसमान के नीचे अनशन पर बैठी हैं और केजरीवाल और शिक्षा मंत्री 500 मीटर की दूरी पर आराम से बैठे हैं। कमरों और महलों में सो रहे हैं।
दिल्ली की सर्दी में पूरी रात @ArvindKejriwal के घर के बाहर ये महिला टीचर्स अनशन पे बैठी रही और पिछले 24 घण्टे से बैठी हैं । लेकिन केजरीवाल द्वारा इनकी माँगे मानना तो दूर बेशर्म आदमी ने इनसे मिलना भी मंज़ूर नहीं किया pic.twitter.com/CAsNbt5dtu
— Tajinder Bagga (@TajinderBagga) March 13, 2024
‘हम अपने घर का किराया भी नहीं दे सकते’
महिला शिक्षकों ने कहा, ‘हमें पिछले दो साल से वेतन नहीं मिला है, हमें जीवन यापन करने में दिक्कत हो रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को बताना चाहिए कि बिना वेतन के घर कैसे चलाया जाए। हम किराये के मकान में रहकर मरने को मजबूर हैं और किराया भी नहीं दे पा रहे हैं। अब हमारे पास किराया देने की क्षमता नहीं है। हमारी अदालत ने भी आदेश दिया कि टीजीटी को पीआरटी में नहीं बदला जा सकता। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाई कोर्ट के आदेश का पालन न करके नियमों की अनदेखी की है।
‘खुले आसमान के नीचे धरना देने को मजबूर हैं हम’
महिला शिक्षकों ने कहा, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री इतने तानाशाह हो गए हैं कि उन्होंने हमें टीजीटी से प्राथमिक शिक्षक बना दिया और एमसीडी में स्थानांतरित कर दिया, सिर्फ यह दिखाने के लिए कि दिल्ली नगर निगम में शिक्षकों की कोई कमी नहीं है और सब कुछ आसान है। दिखावे में तो चलता रहता है, जबकि हकीकत इन सबके विपरीत है। एक तरफ दिल्ली सरकार महिला सशक्तिकरण की बात करती है और आज महिला शिक्षक अपने जायज हक की मांग के लिए आधी रात को सड़कों पर खुले आसमान के नीचे धरना देने को मजबूर हैं।
DO JUSTICE WITH DELHI SSA TEACHERS pic.twitter.com/b1VbbRdHjg
— Sharma Shanu (@SadhnaS83611977) March 12, 2024
हम मुख्यमंत्री से अपील, हमारी बात सुनें
प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने कहा, ‘हम अपना घर छोड़कर सड़क पर बैठे हैं तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि हम कितने मजबूर हैं. हम हाथ जोड़कर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से अनुरोध करते हैं कि कृपया हमारी मांगों को सुनें और चुनावी माहौल से परे हमारे बारे में सोचें। दिल्ली सरकार को शिक्षा पर भी थोड़ा ध्यान देना चाहिए और हमारी बात सुननी चाहिए। हम चाहते हैं कि दिल्ली सरकार सिर्फ दिखावे के लिए महिला सशक्तिकरण की बात न करे। ईमानदारी से काम करें और हमारे साथ हो रहे अन्याय को रोकें।’
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