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दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव: रौनक खत्री बने अध्यक्ष, भानू प्रताप उपाध्यक्ष

दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव का फाइनल नतीजा आ गया है। इस चुनाव में अध्यक्ष और सयुक्त सचिव पद पर एनएसयूआई ने जीत दर्ज की है। वहीं जबकि उपाध्यक्ष और सचिव पद पर एबीवीपी ने कब्जा जमाया है। अध्यक्ष पद पर NSUI के रौनक खत्री ने जीत दर्ज की है। वहीं उपाध्यक्ष पद पर ABVP के भानू प्रताप जीते हैं।

दो सीट पर एबीवीपी और दो पर एनएसयूआई

दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव का नतीजा आ गया है। इस बार दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव के अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के रौनक खत्री ने जीत हासिल की है। इसके अलावा दिल्ली छात्रसंघ चुनाव में सचिव पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मृत्रवृंदा ने जीत दर्ज की है, जबकि संयुक्त सचिव पद पर एनएसयूआई लोकेश ने जीत हासिल की है। वहीं उपाध्यक्ष पद पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के भानू प्रताप जीते हैं।

जीत के जश्न पर रोक

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में हिस्सा लेने वाले सभी प्रत्याशियों से शपथपत्र पर साइन करवाया गया है, जिसके मुताबिक वो नतीजों के ऐलान के बाद भी ढोल का इस्तेमाल जश्न के लिए नहीं करेंगे। इनता ही नहीं जीत के बाद छात्रसंघ के छात्र ना ही लाउडस्पीकर, पटाखों या पैम्फलेट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

रोड शो पर रोक

इसके अलावा जीत हासिल करने के बाद रैलियों, रोड शो पर भी इस शपथपत्र के अनुसार रोक लगाई गई है। वहीं साथ ही इन शर्तों का उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी और जीत को रद्द तक किया जा सकता है। यही कारण है कि छात्रसंघ का रिजल्ट आने के बावजूद दिल्ली यूनिवर्सिटी की सड़कों पर जश्न का माहौल नहीं दिख रहा है।

दिल्ली यूनिवर्सिटी की सड़क खाली

डीयू में जश्न पर रोक के कारण यूनिवर्सिटी की सड़कों पर भीड़ नहीं दिख रही है। हालांकि अलग-अलग संगठन से जुड़े छात्र छात्रसंघ कार्यालय पर मौजूद है, लेकिन वहां पर किसी तरह का कोई बड़ा जश्न देखने को नहीं मिल रहा है।

मैदान में थे 21 उम्मीदवार

दिल्ली छात्रसंघ के चार पदों के लिए 21 उम्मीदवार मैदान में थे। वहीं अध्यक्ष पद के लिए आठ, उपाध्यक्ष पद के लिए पांच और सचिव और संयुक्त सचिव पद के लिए चार-चार उम्मीदवार मैदान में थे। चुनावों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध एबीवीपी, कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई और वाम समर्थित ‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ (आइसा) और ‘स्टूडेंट्स फेडेरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) के गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला था। बता दें कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के परिणाम चुनाव के एक दिन बाद 28 सितंबर को घोषित किये जाने थे, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के कारण इसमें देरी हुई है।