क्या दिल्ली में लगेगा राष्ट्रपति शासन ? दिल्ली BJP विधायकों की चिट्ठी राष्ट्रपति ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी
Demand to dismiss Delhi government: दिल्ली में बीजेपी विधायकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है। इस पत्र को राष्ट्रपति कार्यालय ने गृह मंत्रालय को भेज दिया है। बीजेपी का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वर्तमान में जेल में हैं और इससे सरकार के कामकाज में कई समस्याएं आ रही हैं।
जेल में है केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद, CBI ने भ्रष्टाचार के मामले में 26 जून को उन्हें तिहाड़ जेल से गिरफ्तार कर लिया। सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को ED मामले में उन्हें अंतरिम जमानत दे दी, लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में वे अभी भी जेल में हैं। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर को उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसले सुरक्षित रखे हैं।
बीजेपी विधायकों का कहना- राष्ट्रपति का तत्काल हस्तक्षेप जरूरी
बीजेपी विधायकों ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा था। राष्ट्रपति सचिवालय ने इस ज्ञापन को गृह मंत्रालय को भेज दिया है। विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रपति ने इस मामले पर कार्रवाई करने के लिए गृह मंत्रालय को निर्देशित किया है। बीजेपी का मानना है कि दिल्ली में संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक मानदंडों की रक्षा के लिए राष्ट्रपति का तत्काल हस्तक्षेप जरूरी है।
मुख्यमंत्री के इस्तीफे या राष्ट्रपति शासन की मांग
बीजेपी के नेता विजेंद्र गुप्ता और अजय महावर का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के कारण दिल्ली के नागरिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने राष्ट्रपति से मांग की है कि या तो केजरीवाल इस्तीफा दें या दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए। बीजेपी विधायकों का आरोप है कि केजरीवाल के जेल में होने से प्रशासनिक निर्णयों में देरी हो रही है, जिससे जरूरी सेवाएं प्रभावित हो रही हैं और आम जनता को परेशानी हो रही है।
क्या हैं मौजूदा AAP सरकार के खिलाफ आरोप?
बीजेपी विधायकों ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत मौजूदा AAP सरकार को बर्खास्त किया जाए। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार ने छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन नहीं किया है, जो अप्रैल 2021 से लंबित है। यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243-I और 243-Y का उल्लंघन है, जिसके कारण दिल्ली के वित्तीय योजनाओं और संसाधनों का आवंटन प्रभावित हुआ है। इसके अलावा, दिल्ली सरकार CAG की 11 रिपोर्ट्स को विधानसभा के पटल पर रखने में भी विफल रही है, जिससे पारदर्शिता और वित्तीय न्याय पर सवाल उठ रहे हैं।
राष्ट्रपति से तात्कालिक कार्रवाई की अपील
बीजेपी विधायक मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अजय महावर, अभय वर्मा, अनिल वाजपेयी, जितेंद्र महाजन, करतार सिंह तंवर, और दिल्ली के पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद ने राष्ट्रपति से AAP सरकार को बर्खास्त करने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और दिल्ली की जनता को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं।