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Dementia And Alzheimer Disease : दुनियाभर में फ़ैल रही है ये मस्तिष्क से जुडी ये गंभीर बीमारी, अभी तक करोडो लोग आए चपेट में ,जाने क्या है इसके कारण और लक्षण

Dementia And Alzheimer Disease
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Dementia And Alzheimer Disease : मस्तिष्क से जुडी हुई बीमारियां आजकल तेजी से फ़ैल रही हैं। इनमे खासतौर पर अल्जाइमर-डिमेंशिया जैसी बीमारियां लोगों में तेजी से फ़ैल रही हैं। अल्जाइमर रोग से ग्रसित मरीज की याददाश्त कम होने लगती हैं, इसके साथ ही उन्हें बातचीत करने में परेशानी होने लगती है। अगर ठीक समय पर इस बीमारी पर ध्यान नहीं दिया जाए तो यह डिमेंशिया का कारण बन सकती है।

क्या हैं डिमेंशिया

डिमेंशिया बीमारी के कारण मरीज की याददाश्त, भाषा, को सोचने समझने की क्षमता कम होने लगती हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार दुनिया में 55 मिलियन (5.5 करोड़) से अधिक लोग डिमेंशिया के शिकार हो सकते हैं।

यह बीमारी अक्सर लोगों को बढ़ती उम्र के साथ होने लगती हैं। आमतौर पर यह बीमारी 60 साल की आयु के बाद होती हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार हमारी दिनचर्या और ख़राब आदतों के कारण यह बीमारी हो सकती हैं। इस बीमारी के बारे में लोगों को जानकारी देना और बचाव के लिए उपाय करना बहुत जरुरी हैं।

अल्जाइमर, डिमेंशिया के लक्षण

अल्जाइमर और डिमेंशिया के बढ़ते खतरों को लेकर हाल ही में किए गए रिसर्च में सामने आया है कि 55 की उम्र में कई लोगों में मस्तिष्क की बीमारियां होने लगती हैं। डिमेंशिया के 40 प्रतिशत मामलों के लिए 12 कारण प्रमुख रूप से पाए गए है।

इन कारणों में से मुख्य हैं सुनने की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर, धूम्रपान, मोटापा, अवसाद, शारीरिक निष्क्रियता, मधुमेह, अत्यधिक शराब पीना, मस्तिष्क की गंभीर चोट, वायु प्रदूषण और सोशल आइसोलेशन प्रमुख रूप से पाए गए हैं। ऐसे में ये लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर्स से परामर्श लेना चाहिए। समस्या से परेशान लोगों को मस्तिष्क की इस बीमारी को लेकर और भी अलर्ट रहने की आवश्यकता है।

इन बातों पर भी दें खास ध्यान

हाल ही में डिमेंशिया को लेकर हुई लेटेस्ट रिसर्च में दो और जोखिम कारकों को जोड़ा गया हैं- दृष्टि हानि और उच्च कोलेस्ट्रॉल। स्टडी में यह सामने आया अगर, इन 14 जोखिम कारकों में को रोकने का प्रयत्न किया जाए तो दुनियाभर में लगभग आधे डिमेंशिया के मामले रोके जा सकता है।

उपचार के तरीके

डिमेंशिया के लिए अभी तक कोई प्रभावी इलाज नहीं मिल पाया है। संयुक्त राज्य अमेरिका में अल्जाइमर के दो उपचारों को मंजूरी दी गई है-बायोजेन का लेकेनेमैब और एली लिली का डोनानेमैब। ये दवाएं दो प्रोटीन (टाऊ और एमिलॉयड बीटा) के निर्माण को लक्षित करती हैं, जिन्हें बीमारी के बढ़ने के मुख्य कारणों में से एक माना जाता है। हालांकि इन्हे लेकर अभी भी शोध जारी है।

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