Dev Diwali Shubh Muhurat: आज देव दिवाली है। यह त्योहार प्रति वर्ष शिव की नगरी वाराणसी में भव्य तरीके से मनाया जाता है। यह पर्व भगवान शिव की त्रिपुरासुर नामक दैत्य पर विजय को चिह्नित करने हेतु मनाया जाता है। इसीलिये देव दीपावली (Dev Diwali Shubh Muhurat) को त्रिपुरोत्सव अथवा त्रिपुरारी पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है। आज कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि है, इसलिए आज कार्तिक पूर्णिमा भी मनाया जाता है।
देव दीपावली (Dev Diwali Shubh Muhurat) पर श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करते हैं और शाम को दिए जलाते हैं। आज शाम वाराणसी में गंगा नदी के तट पर सभी घाटों पर लाखों दिए जलाए जाते हैं। आज काशी स्वर्ग सी दिखती है। मान्यता है कि आज के दिन देवता वाराणसी में गंगा स्नान करने धरती पर आते हैं।
देव दिवाली शुभ मुहूर्त
आज शाम प्रदोष काल में ही दिए जलाने का महत्व है। आज प्रदोषकाल देव दीपावली मुहूर्त शाम को कुल दो घंटे 37 मिनट तक रहेगा।
प्रदोषकाल देव दीपावली मुहूर्त- शाम 17:10 से 19:47
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 15, 2024 को 06:19 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – नवम्बर 16, 2024 को 02:58 बजे
देव दिवाली का महत्व
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने इस दिन त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। देव दिवाली (Dev Diwali Shubh Muhurat) शैतान पर भगवान शिव की विजय का जश्न मनाती है। यह त्योहार शिव के पुत्र भगवान कार्तिक की जयंती का भी जश्न मनाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन, हिंदू देवता बुराई पर अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए स्वर्ग से आते हैं। वे पवित्र गंगा में डुबकी लगाने के लिए भी इकट्ठा होते हैं, जिसे स्थानीय तौर पर ‘कार्तिक स्नान’ के नाम से जाना जाता है। लोगों का ऐसा मानना है कि पवित्र गंगा में स्नान करने से उनके पाप धुल जाते हैं और उनके घरों में समृद्धि आती है। इसके अलावा, श्रद्धालु शाम को मिट्टी के दीपक जलाते हैं और जैसे ही रात होती है, लाखों मिट्टी के दीये गंगा के किनारे सभी मंदिरों की सीढ़ियों को रोशन करते हैं।
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