उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने आखिरकार महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ और उसमें 30 लोगों की मौत के मामले में पुलिस की गलती को स्वीकार किया है। उन्होंने यह माना कि 2025 के महाकुंभ में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ पर कंट्रोल करना एक बड़ी चुनौती थी और उस दिन कुछ गलतियां हुईं, जिनकी वजह से भगदड़ मची। हालांकि, उन्होंने इस घटना से काफी कुछ सीखा और अब बेहतर भीड़ प्रबंधन की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
लाखों की संख्या में श्रद्धालु रोज संगम में डुबकी लगा रहे
प्रशांत कुमार ने यह भी बताया कि मौनी अमावस्या के बाद लाखों की संख्या में श्रद्धालु रोज संगम में डुबकी लगा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई बड़ी दिक्कत नहीं आई। उनका कहना था कि पुलिस ने इस घटना से सीखते हुए एक नई तकनीक को अपनाया है, जिससे महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को सुरक्षित रूप से स्नान करने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने माघी पूर्णिमा पर हुए श्रद्धालुओं के स्नान का भी उल्लेख किया, जिसमें सुबह तक 1 करोड़ 3 लाख लोग संगम में डुबकी लगा चुके थे, और दिन खत्म होने तक यह आंकड़ा कई गुना बढ़ने की उम्मीद जताई।
वॉर रूम में बैठकर कैमरे के जरिए निगरानी
DGP ने यह भी बताया कि अब लखनऊ में एक वॉर रूम स्थापित किया गया है, जो महाकुंभ के अलावा उत्तर प्रदेश के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थानों की भीड़ की निगरानी करेगा। इस वॉर रूम से पुलिस अधिकारियों को हर स्थान की स्थिति पर पूरी जानकारी मिल रही है और वे उसी के अनुसार भीड़ प्रबंधन कर रहे हैं। महाकुंभ में भीड़ पर नजर रखने के लिए 2500 से ज्यादा हाई रिजोलूशन कैमरे लगाए गए हैं, जिनसे लाइव फीड लिया जा रहा है। इसी तरह के इंतजाम अन्य मंदिरों और तीर्थ स्थलों पर भी किए गए हैं।
रेलवे का मिला पूरा सहयोग
महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से संगम लाने और वापस भेजने के लिए रेलवे भी सक्रिय रूप से सहयोग कर रहा है। डीजीपी ने बताया कि रेलवे ने महाकुंभ के दौरान 400 से ज्यादा ट्रेनों का संचालन किया है, ताकि श्रद्धालु आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। यह कदम श्रद्धालुओं को सुविधा और सुरक्षा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
नई तकनीक के इस्तेमाल से बढ़ी सुरक्षा
इस बार महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन के लिए कई नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके तहत जियो-फेंसिंग, ड्रोन तकनीक और रियल टाइम ट्रैकिंग जैसी सुविधाएं दी गई हैं, जिससे प्रशासन को स्थिति की बेहतर जानकारी मिल सके और वे त्वरित निर्णय ले सकें। इसके अलावा, पुलिस बल को और ज्यादा प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे भीड़ को नियंत्रित करने में और भी कुशल हो सकें।
सुरक्षा को लेकर DGP का बयान
प्रशांत कुमार ने बताया कि, “मौनी अमावस्या के दिन हुई गलती से पुलिस ने जरूरी सबक लिया है और अब हम बेहतर तरीके से भीड़ की निगरानी कर रहे हैं। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के स्नान कर सके और सुरक्षित रूप से वापस लौट सके।” उन्होंने यह भी कहा कि माघी पूर्णिमा के दिन भीड़ प्रबंधन में कोई दिक्कत नहीं आई, और उनका उद्देश्य भविष्य में ऐसी कोई भी गलती नहीं होने देना है।
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