ब्रिटेन के एक छोटे से शहर में इन दिनों अजीबोगरीब हलचल मची हुई है। लोग कूड़े के ढेरों में खजाना ढूंढ रहे हैं। दरअसल, यह खजाना कोई सोने-चांदी का नहीं, बल्कि डिजिटल मुद्रा बिटकॉइन का है।
प्यार की कहानी में डिजिटल त्रासदी
वेल्स के न्यूपोर्ट शहर में रहने वाले जेम्स हॉवेल्स नाम के एक व्यक्ति ने साल 2009 में करीब 8000 बिटकॉइन खरीदे थे। उस वक्त बिटकॉइन की कीमत नाममात्र थी। लेकिन आज इन बिटकॉइन की कीमत करीब 5900 करोड़ रुपये है। जेम्स ने इन बिटकॉइन को अपने लैपटॉप की हार्ड ड्राइव में सेव कर रखा था।
कुछ साल बाद जब जेम्स और उनकी गर्लफ्रेंड हाफिना एडी-इवांस घर की सफाई कर रहे थे, तब गलती से यह हार्ड ड्राइव कूड़े में फेंक दी गई। हाफिना ने बताया कि जेम्स ने ही उन्हें यह हार्ड ड्राइव फेंकने को कहा था, क्योंकि उसमें कंप्यूटर के कुछ खराब पार्ट्स थे। उन्हें नहीं पता था कि इसमें इतना बड़ा खजाना छिपा है।
1 लाख टन कचरे के नीचे दबी हार्डड्राइव
जब जेम्स को इस बात का एहसास हुआ कि उन्होंने कितना बड़ा नुकसान कर दिया है, तो वे सकते में आ गए। अब वे पिछले कई सालों से इस हार्ड ड्राइव को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह हार्ड ड्राइव न्यूपोर्ट के लैंडफिल साइट में 1 लाख टन कचरे के नीचे दबी हुई है।
जेम्स ने न्यूपोर्ट सिटी काउंसिल से कई बार लैंडफिल की खुदाई के लिए अनुमति मांगी है। लेकिन हर बार उनकी अपील को पर्यावरण संबंधी चिंताओं का हवाला देकर खारिज कर दिया जाता है। इससे निराश होकर जेम्स ने काउंसिल पर 4900 करोड़ रुपये का मुकदमा भी दायर कर दिया है।
खजाने का 10 फीसदी हिस्सा न्यूपोर्ट के विकास के लिए देंगे दान
जेम्स ने एक दिलचस्प प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा है कि अगर हार्ड ड्राइव मिल जाती है, तो वे बिटकॉइन के मूल्य का 10 फीसदी हिस्सा न्यूपोर्ट के विकास के लिए दान कर देंगे। उनका कहना है कि इस पैसे से वे न्यूपोर्ट को ब्रिटेन का दुबई या लास वेगास बना देंगे।
इस घटना ने पूरे शहर में एक अजीब सा उत्साह पैदा कर दिया है। कई लोगों को उम्मीद है कि अगर यह खजाना मिल जाता है, तो इससे उनके शहर की किस्मत बदल सकती है। लेकिन कुछ लोग इसे पर्यावरण के लिए खतरा भी मान रहे हैं।
इस पूरे मामले ने एक बार फिर क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बहस छेड़ दी है। बिटकॉइन दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है, जिसकी कीमत में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है।