Diwali 2024 How is Diwali celebrated in Ayodhya City of Lord Ram

अयोध्या की दिवाली: भक्ति, परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम

 Diwali 2024 How is Diwali celebrated in Ayodhya City of Lord Ram: हर साल कार्तिक की अमावस्या को दिवाली का पर्व भगवान श्रीराम के वनवास से लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन अयोध्या की हर गली, हर दरवाजा दीयों से रोशन हो उठता है। लेकिन, अयोध्या की दीवाली की तैयारी हनुमान जयंती से शुरू होती है, जिसे छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता है। स्थानीय लोग इस दिन हनुमान गढ़ी में विशेष पूजा और 11 कुंतल लड्डुओं के साथ छप्पन व्यंजनों का भोग लगाते हैं। हनुमान जी का विशेष श्रृंगार और शोभायात्रा भी इस दिन की खासियत है।

दीपोत्सव का भव्य आयोजन

अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन इस बार 30 अक्टूबर को होगा। सरयू नदी के 55 घाटों पर 25 लाख से अधिक दीयों के जलाने की तैयारी की गई है। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के सहयोग से ये दीये जलाए जाएंगे। विश्वविद्यालय के छात्र, कॉलेज और एनजीओ के वॉलिंटियर्स मिलकर इस कार्यक्रम का आयोजन करेंगे।

Diwali 2024 How is Diwali celebrated in Ayodhya City of Lord Ram

राम मंदिर में विशेष तैयारी

इस बार की दिवाली रामलला के लिए खास है, क्योंकि यह पहली बार है जब वे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान हुए हैं। यहां विशेष तौर पर चार प्रकार के दीये जलाए जाएंगे। पीतल के स्टैंड वाले दीये, तेल के दीये, रंगीन मिट्टी और गाय के गोबर के दीये, और मोम के खास दीये इस बार की दिवाली को और भी खास बनाएंगे।

रामलीला का अंतरराष्ट्रीय रंग

दीपोत्सव के दौरान अयोध्या में रामलीला का मंचन भी विशेष आकर्षण का केंद्र होता है। इस बार, छह देशों के कलाकार थाईलैंड, कंबोडिया, म्यांमार, मलेशिया, नेपाल और इंडोनेशिया से अयोध्या आकर अपने-अपने देश की रामकथा का मंचन करेंगे। यह विशेष आयोजन 30 अक्टूबर को रामकथा पार्क में होगा, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे।

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समूह आरती और लेजर शो

दीपोत्सव के दौरान सरयू नदी की सामूहिक आरती का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 100 लोग शामिल होंगे। इसके साथ ही, एक विशेष लेजर शो भी होगा, जो अमेरिकी फायर वन मशीन की मदद से आयोजित किया जाएगा। इस शो के माध्यम से रामलला और उनसे जुड़े प्रसंगों की आकृतियों को हवा में उकेरा जाएगा। साथ ही, यहां पर आतिशबाजी का भी आयोजन किया जाएगा, जिससे आकाश रंग-बिरंगी रोशनी से भर जाएगा।

आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संगम

इस बार का दीपोत्सव सिर्फ रोशनी और उत्सव का पर्व नहीं है, बल्कि यह अयोध्या की संस्कृति, परंपरा और भक्ति का अद्भुत संगम है। अयोध्या के हर नागरिक की आस्था, श्रद्धा और भक्ति इस पर्व में समाहित होती है। अयोध्या की दिवाली न केवल भारत में, बल्कि विश्व भर में भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, जिसे हर कोई बड़े धूमधाम से मनाता है। इस दिवाली अयोध्या की दीवाली की छटा अद्वितीय होगी, जहां भक्ति, परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत मेल देखने को मिलेगा।