Amalaki Ekadashi

आमलकी एकादशी पर जरूर करें ये उपाय भगवान विष्णु प्रसन्न होकर दूर करेंगे सारे कष्ट

Amalaki Ekadashi: हिन्दू धर्म में व्रत और त्योहार का बहुत महत्व होता है। जिसमे एकादशी के व्रत का धार्मिक मान्यता के अनुसार विशेष महत्व होता है। एकादशी का व्रत महीने में दो बार आता है, जो कि भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के लिए समर्पित होता हैं। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को आमलकी एकादशी या रंगभरी एकादशी कहा जाता है और यह मार्च माह की पहली एकादशी व्रत होगा। आपको बता दें, इस एकादशी को भगवान विष्णु के साथ साथ भगवान शिव की भी पूजा की जाती है। कहा जाता है, एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होकर सारे दुःख दर्द दूर कर देते हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताएँगे जिनसे भगवान प्रसन्न होकर आपको मनचाह फल देंगे।

कब है आमलकी एकादशी ?

आमलकी एकादशी फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस बार यह 9 मार्च रविवार को सुबह 7 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी और 10 मार्च सोमवार को को सुबह 7 बजकर 44 मिनट तक रहेगी। लेकिन एकादशी का व्रत 10 मार्च को रखा जाएगा।

क्या होगा आमलकी एकादशी 2025 मुहूर्त

आमलकी एकादशी का ब्रह्म महूर्त सुबह 4 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर 5 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।जिसके बाद दोपहर में 12 बजकर 8 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। आमलकी एकादशी की ब्रह्म मुहूर्त में शोभन योग बन रहा है और उस समय पूजा की जा सकती है, यह योग प्रात:काल से लेकर दोपहर 1 बजकर 57 मिनट तक है।

आमलकी एकादशी पर करें ये उपाय (Amalaki Ekadashi)

आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता, ऐसा करने से धन संपति में वृद्धि होती है।
आमलकी एकादशी पर शुभ महूर्त में भगवान विष्णु को एकाक्षी नारियल को पीले कपड़े में लपेट कर चढ़ाएं। ऐसा करें से व्यापार, निवेश और नौकरी प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
आमलकी एकादशी के दिन आंवल खाने से सेहत संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
आमलकी एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा करें और तुलसी के 11, 21 या 108 पत्तों की माला अर्पित करें। कहा जाता है ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
आमलकी एकादशी पर शंख में गंगाजल भर कर भगवान विष्णु अभिषेक करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

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