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जानें कौन हैं चीन विरोधी माइक वॉल्ट्ज, जिन्हें ट्रंप ने बनाया अपना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ्लोरिडा के सांसद माइक वॉल्ट्ज (mike waltz donald drump nsa) को अपना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया है। 50 साल के माइक वॉल्ट्ज  (mike waltz) इंडिया कॉकस (india caucus) के सह-अक्षयक्ष हैं। माइक को चीन-ईरान के लिए सख्त और भारत के लिए नरम रुख अपनाए जाने के लिए जाना जाता है। ट्रंप को उनसे उम्मीद है कि वह अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति एक कठोर रुख अपनाएंगे।

कौन हैं माइक वॉल्ट्ज

50 वर्षीय माइक वॉल्ट्ज एक सेवानिवृत्त आर्मी नेशनल गार्ड अधिकारी और युद्ध के अनुभवी हैं। पूर्वी-मध्य फ्लोरिडा से तीन बार के रिपब्लिकन सांसद रहे हैं। वॉल्ट्ज अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में चुने जाने वाले पहले ग्रीन बेरेट थे और उन्हें पिछले हफ्ते फिर से चुना गया है।

वॉल्ट्ज ने वर्जीनिया मिलिट्री इंस्टीट्यूट से स्नातक किया और चार वर्षों तक सक्रिय सेना में सेवा देने के बाद फ्लोरिडा गार्ड में शामिल हुए। उन्होंने गार्ड के हिस्से के रूप में अफगानिस्तान, मध्य पूर्व और अफ्रीका में कई अभियानों में हिस्सा लिया है। उन्हें चार ब्रॉन्ज स्टार्स से सम्मानित जा चुका है।

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समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने हाउस आर्म्ड सर्विसेज की रेडीनेस सबकमेटी के अध्यक्ष और हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी और पर्मानेंट सिलेक्ट कमेटी ऑन इंटेलिजेंस के सदस्य के रूप में भी कार्य किया है।

वॉल्ट्ज रक्षा रणनीतियों के प्रबल समर्थक हैं। माइक वॉल्ट्ज खास तौर पर भारत के साथ संबंधों और चीन का मुकाबला करने के मामलों में वह एक अनुभवी विदेश नीति विशेषज्ञ है। वे अमेरिका-भारत गठबंधन के दृढ़ समर्थक हैं। उन्होंने हमेशा रक्षा और सुरक्षा सहयोग में भारत के साथ संबंधों को गहरा करने की वकालत की है।

बता दें कि कॉकस ऑन इंडिया के सह-अध्यक्ष वॉल्ट्ज ने 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान कैपिटल हिल पर उनके भाषण की व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

माइक वॉल्ट्ज का चीन के प्रति कठोर रुख

वॉल्ट्ज चीन के प्रति कठोर रुख के लिए जाने जाते हैंष उन्होंने कोविड-19 की के फैलने में चीन की भूमिका और उइगर मुसलमानों के कथित उत्पीड़न के कारण 2022 के बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक का अमेरिकी द्वारा बहिष्कार करने का आह्वान किया था।

बाइडन प्रशासन की खुलकर आलोचना

माइक वॉल्ट्ज ट्रंप के कट्टर समर्थक रहे हैं। वह मौजूदा अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन की विदेश नीति के मुखर आलोचक के रुप में जाने जाते हैं। साल 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को हटाने के जो बाइडन प्रशासन के फैसले की उन्होंने खुलकर आलोचना की थी। उन्होंने बाइडेन के यूक्रेन का समर्थन करने पर भी सख्त रुख अपनाया था।

वॉल्ट्ज का भारत के लिए नरम रुख

वॉल्ट्ज का ट्रंप प्रशासन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनना चीन के लिए खतरे की घंटी जैसा है। माइक की नियुक्ति से चीन पर अधिक आक्रामक अमेरिकी रुख और भारत के साथ मजबूत साझेदारी की ओर रुझान देखने को मिल सकता है। वॉल्ट्ज ने हमेशा भारते के साथ मजबूत संबंध को क्षेत्रीय स्थिरता और आपसी आर्थिक एवं सुरक्षा लाभ के लिए आवश्यक बताया है।

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चीन पर अपने सख्त रुख के लिए जाने जाने वाले वॉल्ट्ज ने क्षेत्रीय स्थिरता को मजबूत करने के लिए भारत जैसे लोकतांत्रिक देशों के साथ मजबूत गठबंधनों की आवश्यकता पर जोर दिया है। ऐसी उम्मीद है कि वह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के प्रभाव को चुनौती देने का काम करेंगे। वह ट्रंप की योजना के तहत भारत के समकक्षों के साथ मिलकर अमेरिका-भारत साझेदारी को और मजबूत करने पर काम करेंगे।

ऐसा माना जा रहा है कि एक सैन्य अधिकारी के रूप में वॉल्ट्ज का अनुभव और विशेषज्ञता भारत के साथ रक्षा, खुफिया साझेदारी और विशेष रूप से एशिया में आतंकवाद विरोधी एकजुट रुख पर संयुक्त पहल में सहायक हो सकता है।

कॉकस (caucus) ऑन इंडिया क्याा है

सीनेट का इंडिया कॉकस अमेरिकी सांसदों का एक ग्रुप है। जिसमें वर्तमान में सीनेट के 40 सदस्य शामिल हैं। इसे 2004 में तत्कालीन न्यूयॉर्क की सीनेटर और सेक्रेटरी ऑफ स्टेट हिलेरी क्लिंटन और सीनेटर जॉन कॉर्निन ने स्थापित किया था। इंडिया कॉकस का काम भारत-अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत बनाने के लिए काम करना है।

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