उत्तर प्रदेश के रिटायर आईपीएस अधिकारी डॉ. एसएन साबत को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। ये नियुक्ति उनके सेवानिवृत्त होने के अगले दिन यानी 1 जनवरी 2025 को की गई। बता दें कि डॉ. एसएन साबत ने 31 दिसंबर 2024 को पुलिस महानिदेशक (डीजी) के पद से रिटायरमेंट लिया था, और इसके तुरंत बाद यूपी सरकार ने उन्हें यूपीएसएससी की अहम जिम्मेदारी सौंप दी है।
पुलिस सेवा में थे ऐसे शेर, अब यूपीएसएससी में क्या करेंगे?
डॉ. एसएन साबत का पुलिस सेवा में बहुत लंबा और शानदार करियर रहा है। 1990 बैच के आईपीएस अफसर रहे डॉ. साबत ने कई अहम जिम्मेदारियां निभाईं। लखनऊ के आईजी जोन से लेकर अयोध्या, वाराणसी, आगरा, मिर्जापुर जैसे जिलों में एसपी और एएसपी के रूप में उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। अगर आप सोच रहे हैं कि इन जिलों में कानून-व्यवस्था कैसी थी, तो बता दूं कि उनके कार्यकाल में कई बार उन्हें केंद्र सरकार और पीएम मोदी तक से सराहना मिली।
डॉ. साबत की एक खास बात यह थी कि वे कभी भी किसी मामले में देरी नहीं करते थे। यानी, कोई भी शिकायत हो, कोई भी अपराध हो, उन्हें तुरंत काम करना होता था। ऐसी कार्यशैली ने उनकी इमेज एक तेज-तर्रार और ईमानदार अफसर की बना दी थी। उनकी सक्रियता और त्वरित कार्रवाई के कारण वह पुलिस विभाग में काफी सम्मानित थे।
UPSSSC: ये आयोग क्या करता है?
अब थोड़ी सी जानकारी यूपीएसएससी के बारे में। यूपीएसएससी यानी उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, वह संस्थान है, जो उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की भर्ती करता है। इसमें ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों के लिए परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। अब सोचिए, इतनी सारी परीक्षाओं का आयोजन, और सैंकड़ों-हजारों युवाओं का भविष्य इसके तहत तय होता है। तो, ये पोस्ट, यानि यूपीएसएससी अध्यक्ष का पद, कोई मामूली नहीं होता।
डॉ. साबत की नियुक्ति के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि आयोग में पारदर्शिता बढ़ेगी और भर्ती प्रक्रिया में सुधार होगा। क्यों? क्योंकि डॉ. साबत की छवि एक तेज़, निष्पक्ष और कार्यक्षम अधिकारी की रही है। पुलिस में रहते हुए उन्होंने हमेशा दबाव में आकर भी त्वरित निर्णय लिए। अब वह यूपीएसएससी के अध्यक्ष के तौर पर भर्ती प्रक्रिया में भी इसी प्रकार के सुधार कर सकते हैं।
यूपीएसएससी के अध्यक्ष के रूप में डॉ. साबत की क्या हैं चुनौतियां
नए अध्यक्ष के तौर पर डॉ. साबत के सामने कई चुनौतियां हो सकती हैं। पिछले कुछ सालों में यूपीएसएससी में कई भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी की खबरें आई हैं, जिनसे आयोग की साख पर असर पड़ा। ऐसे में डॉ. साबत का पहला काम यही होगा कि वह भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएं और सुनिश्चित करें कि आगे कोई गड़बड़ी न हो।
लेकिन, अगर आप उनकी कार्यशैली को ध्यान से देखें, तो यह काम वह बेहतरीन तरीके से कर सकते हैं। पुलिस विभाग में रहते हुए उन्होंने कई बार अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया था। अब यूपीएसएससी में उनका अनुभव और काम के प्रति गंभीरता निश्चित तौर पर इस संस्था को नई दिशा दे सकती है।
क्या डॉ. साबत यूपीएसएससी के अध्यक्ष के तौर पर कुछ बड़ा बदलाव लाएंगे? अगर हम उनके पुराने कार्यकाल को देखें, तो उम्मीद जताई जा सकती है कि वह भर्ती परीक्षा में तकनीकी सुधार और समयबद्धता पर जोर देंगे। इसके अलावा, वह आयोग की कार्यशैली को और बेहतर बनाने के लिए नए कदम उठा सकते हैं।