पृथ्वी पर मिला एवेरेस्ट से भी ऊंचा पर्वत!

भूल जाइये माउंट एवेरेस्ट, पृथ्वी के इस हिस्से में मौजूद है 1000किमी से भी ऊंचे पर्वत

क्या आपने कभी सोचा है कि माउंट एवरेस्ट से भी ऊंचा कोई पहाड़ हो सकता है? सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन ऐसा सच में है! हाल ही में नेचर जर्नल में छपी एक रिसर्च में पता चला है कि धरती पर माउंट एवरेस्ट से भी 100 गुना ऊंचे पर्वत हैं। ये विशालकाय पर्वत अफ्रीका और प्रशांत महासागर की सीमा के पास पाए गए हैं। सोचिए, माउंट एवरेस्ट जितना ऊंचा पहाड़, लेकिन उससे 100 गुना बड़ा! वैज्ञानिकों का यह दावा वाकई हैरान करने वाला है।

1000 किलोमीटर तक की है इनकी लम्बाई 

पृथ्वी की सतह के नीचे दो विशाल पर्वत जैसे ढांचे पाए गए हैं, जिनकी ऊंचाई लगभग 1,000 किलोमीटर है। यह माउंट एवरेस्ट (8.8 किलोमीटर) से कई गुना ज्यादा ऊंचे हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि ये पहाड़ कम से कम 50 करोड़ साल पुराने हैं और इनका इतिहास पृथ्वी के निर्माण से भी पहले का है।

इन ढांचों के बारे में न्यूयॉर्क पोस्ट में जानकारी दी गई, जिसमें प्रमुख शोधकर्ता डॉ. अरवेन ड्यूज ने बताया। डॉ. अरवेन एक भूकंप विज्ञानी हैं और यूट्रेक्ट विश्वविद्यालय में पृथ्वी के आंतरिक भाग की संरचना और उसके संयोजन के प्रोफेसर हैं। उन्होंने कहा, “यह अब तक रहस्य है कि ये ढांचे क्या हैं। क्या ये अस्थायी रूप से बने हैं या यह लाखों, शायद अरबों सालों से यहां हैं?”

दो विशाल संरचनाएं हैं मौजूद 

डॉ. ड्यूस के अनुसार, शोध से पता चला है कि पृथ्वी के कोर और मेंटल (गर्भ और आवरण) के बीच, दो विशाल संरचनाएं मौजूद हैं। ये संरचनाएं अफ्रीका और प्रशांत महासागर के नीचे, क्रस्ट (पृथ्वी की ऊपरी परत) के नीचे पाई गई हैं। यह क्षेत्र अर्ध-ठोस (semi-solid) है और एक प्रकार के बड़े टेक्टोनिक कब्रिस्तान से घिरा हुआ है। यह कब्रिस्तान उस जगह से जुड़ा है जहां ‘सबडक्शन’ नामक प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया में, एक टेक्टोनिक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे जाकर पृथ्वी की सतह से करीब 3,000 किलोमीटर की गहराई तक डूब जाती है।

वैज्ञानिकों को पहले से ही पता था कि पृथ्वी के अंदर भूकंपीय तरंगों (seismic waves) की मदद से कई बड़ी संरचनाएं छिपी हुई हैं। जब बड़े भूकंप आते हैं, तो पृथ्वी एक घंटी की तरह बजती है। यह कंपन तब और ज्यादा होता है जब कोई असामान्य वस्तु, जैसे सुपरकॉन्टिनेंट (महाद्वीपों का समूह), टकराती है। यह कंपन एक अलग तरह की आवाज़ उत्पन्न करता है। वैज्ञानिक इस ध्वनि को ग्रह के दूसरी ओर सुनकर यह पता लगा सकते हैं कि पृथ्वी के अंदर क्या छिपा है।

 

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