पोंजी स्कीम में पैसा गंवाने वाले करीब 32 लाख लोगों को राहत मिलने वाली है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस घोटाले में जब्त की गई 6000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये संपत्तियां देश के कई राज्यों से कुर्क की गई थीं। सुप्रीम कोर्ट और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट की मंजूरी के बाद, ईडी ने फैसला किया है कि इन संपत्तियों से मिली रकम उन गरीब निवेशकों में बांटी जाएगी, जिन्होंने इस घोटाले में अपना पैसा खो दिया था।
कुल 2310 सम्पत्तियों का मामला
पिछले हफ्ते प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एग्री गोल्ड ग्रुप और उनके प्रमोटरों के खिलाफ हैदराबाद की नामपल्ली स्पेशल कोर्ट में याचिका दायर की। इसमें एजेंसी ने कोर्ट से अनुरोध किया कि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और ओडिशा में जब्त की गई संपत्तियों को बेचने और बहाल करने की अनुमति दी जाए। एक अधिकारी ने बताया कि जिन संपत्तियों को बेचने और बहाली की बात की गई है, उनमें 2310 रिहायशी और व्यवसायिक प्लॉट, अपार्टमेंट और आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में चिन्नाकाकानी में स्थित एक मनोरंजन पार्क भी शामिल हैं।
32 लाख कस्टमरों को लगाया चूना लूटे 6400 करोड़
एग्री गोल्ड स्कीम में 32 लाख लोगों से 6400 करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली की गई थी। इस मामले में आंध्र प्रदेश CID ने 2018 में आरोपियों पर केस दर्ज किया था। इस दौरान, ईडी ने 2310 संपत्तियों को कुर्क किया, जिनमें से 2254 आंध्र प्रदेश में, 43 तेलंगाना में, 11 कर्नाटक में और 2 ओडिशा में हैं। अब एजेंसी ने हाई कोर्ट से गुजारिश की है कि कुर्क की गई इन संपत्तियों को पीड़ितों को पैसा लौटाने के लिए इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाए।
ईडी ने दिसंबर 2020 में एग्री गोल्ड ग्रुप के प्रमोटर अव्वा वेंकट रामा राव और उनके परिवार के सदस्य अव्वा वेंकट शेषु नारायण और अव्वा हेमा सुंदर वर प्रसाद को गिरफ्तार किया था। अब स्पेशल कोर्ट ने इन तीनों और 20 अन्य आरोपियों के खिलाफ दायर दो आरोपपत्रों को स्वीकार कर लिया है।
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