वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 पेश किया, और बजट में कई ऐसी घोषणाएं की गई हैं, जो देश की महिलाओं के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं। खासकर, एससी और एसटी (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) की महिलाओं के लिए एक नई योजना का ऐलान किया गया है, जिसका मकसद उन्हें एंटरप्रेन्योर बनाने का है। यह योजना महिला सशक्तिकरण के रास्ते में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है। आइए जानते हैं कि आखिर यह योजना क्या है, कैसे एससी और एसटी की महिलाएं इससे लाभ उठा सकती हैं, और इसका क्या असर हो सकता है।
क्या है यह नई योजना?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए बताया कि सरकार एक नई योजना शुरू करने जा रही है, जिसके तहत एससी और एसटी की महिलाओं को उद्यमिता (Entrepreneurship) के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत, महिलाओं को आर्थिक मदद देने के साथ-साथ उन्हें व्यावसायिक (business) कौशल सिखाए जाएंगे। लोन और प्रशिक्षण: इस योजना के तहत सरकार अगले पांच सालों में 2 करोड़ रुपये तक का टर्म लोन (Term Loan) देने का प्रस्ताव कर रही है। यह लोन खासतौर पर उन महिलाओं को मिलेगा, जो पहली बार अपने कारोबार की शुरुआत करने जा रही हैं। 5 लाख महिलाओं को इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। इसके अलावा, महिलाओं कोउद्यमिता और प्रबंधन (management) के लिए ऑनलाइन कोर्स भी दिए जाएंगे, ताकि वे व्यवसाय चलाने के लिए जरूरी कौशल हासिल कर सकें।
इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है, ताकि वे न केवल अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें, बल्कि समाज में भी एक मिसाल पेश कर सकें।
स्टार्टअप्स के लिए नया फंड
स्टार्टअप्स को लेकर सरकार की हमेशा से प्राथमिकता रही है। बजट 2025 में भी इस दिशा में एक बड़ा ऐलान किया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार मौजूदा 10 हजार करोड़ रुपये के स्टार्टअप फंड के अलावा, एक और नया फंड 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से शुरू करेगी।
यह फंड उन लोगों के लिए होगा, जो नए स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं और उनके पास पूंजी की कमी है। यह फंड उन युवा उद्यमियों के लिए एक वरदान साबित हो सकता है, जो अपने आइडिया को व्यवसाय में बदलने के लिए प्रयासरत हैं। यह कदम भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को और मजबूत करेगा और नए-नए अवसर पैदा करेगा।
MSME सेक्टर के लिए क्या है खास?
बजट में MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) सेक्टर को लेकर भी कई अहम घोषणाएं की गई हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि MSME के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये कर दिया जाएगा। इसके अलावा, अगले 5 सालों में MSME को 1.5 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा।
इसके साथ ही, MSME के लिए कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी शुरू की जाएगी। इन क्रेडिट कार्ड की लिमिट 5 करोड़ रुपये होगी और ये क्रेडिट कार्ड सिर्फ उन MSME को दिए जाएंगे, जो उद्यम पोर्टल पर रजिस्टर्ड होंगे। इस पहल से छोटे और मझोले व्यवसायों को विस्तार करने के लिए जरूरी पूंजी मिल सकेगी।
महिलाओं के लिए कितना फायदेमंद है यह बजट?
यह बजट खासतौर पर महिलाओं के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और खुद का व्यवसाय शुरू करने का सपना देखती हैं। एससी और एसटी महिलाओं के लिए यह योजना एक सुनहरा अवसर हो सकता है, क्योंकि उन्हें न केवल आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि वे व्यवसाय चलाने के लिए जरूरी कौशल भी सीख सकेंगी। इसके अलावा, महिलाओं के लिए अलग से योजनाओं की शुरुआत से उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकेंगी। इसके अलावा, MSME सेक्टर के लिए किए गए ऐलान भी महिलाओं के लिए लाभकारी हो सकते हैं, क्योंकि अधिकांश छोटे और मझोले व्यवसाय महिलाओं द्वारा ही चलाए जाते हैं। महिलाओं को अब आसानी से क्रेडिट कार्ड और लोन जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी, जो उनके व्यापार को बढ़ाने में मदद करेंगी।
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