Ekadashi in September 2024: सितम्बर महीने में पड़ेंगी दो एकादशी, जानिए तिथि, समय और इनका महत्व
Ekadashi in September 2024: हिंदू धर्म में एकादशी एक महत्वपूर्ण दिन है, जो महीने में दो बार चंद्र चक्र के 11वें दिन, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों चरणों के दौरान मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि एकादशी (Ekadashi in September 2024) का पालन करने से आध्यात्मिक पुण्य मिलता है, पिछले पापों से मुक्ति मिलती है और आत्म-अनुशासन और भक्ति को बढ़ावा मिलता है। प्रत्येक एकादशी का अपना अनूठा महत्व, अनुष्ठान और लाभ जुड़े होते हैं। एकादशी भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है।
जैसा कि हमें ज्ञात है की एक महीने में दो बार एकादशी (Ekadashi in September 2024) पड़ती है। इसलिए सितम्बर महीने में भी दो बार एकादशी मनाई जाएगी। सितम्बर महीने की जो पहली एकादशी होगी वो है परिवर्तिनी एकादशी, जो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में मनाई जाएगी। वहीँ सितम्बर महीने की दूसरी एकादशी इंदिरा एकादशी आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में मनाई जाएगी।
कब है परिवर्तिनी एकादशी?
इस वर्ष परिवर्तिनी एकादशी का शुभ समय 13 सितंबर 2024 को रात 10:30 बजे शुरू होगा, जो अगले दिन यानी 14 सितंबर 2024 को रात 8:41 बजे समाप्त होगा। हिंदू धर्म में उदयातिथि का महत्व है, इसलिए परिवर्तिनी एकादशी 14 सितंबर को मनाई जाएगी। वहीं व्रत के बाद पारण का समय 15 सितंबर को प्रातः 05:34 बजे से प्रातः 08:01 बजे तक है। पारण तिथि पर द्वादशी समाप्त होने का समय 15 सितंबर को शाम 06:12 बजे है।
परिवर्तिनी एकादशी का महत्व
परिवर्तिनी एकादशी का व्रत सदियों से साधकों द्वारा किया जाता रहा है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जो साधक इस व्रत को पूर्ण समर्पण के साथ करते हैं उन्हें अच्छे स्वास्थ्य, धन और खुशी का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और गरीबों और जरूरतमंद लोगों को दान देने से लोगों को उनके पिछले पापों से छुटकारा मिलता है और साधक जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाते हैं। इस शुभ दिन पर उपवास करने से लोगों को उच्च आध्यात्मिक लाभ मिलता है और साधकों की इच्छा शक्ति को मजबूत करने में भी मदद मिलती है।
परिवर्तिनी एकादशी पवित्र चतुर्मास के दौरान आती है और इसलिए इस एकादशी को सबसे शुभ और सर्वोच्च एकादशी माना जाता है। ‘ब्रह्म वैवर्त पुराण’ में धर्मराज युधिष्ठिर और भगवान कृष्ण के बीच हुए गहन संवाद में परिवर्तिनी एकादशी के महत्व को विस्तार से बताया गया है। यदि इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ व्रत रखा जाए तो भक्त को भगवान विष्णु की प्रचुर कृपा प्राप्त होती है।
कब है इंदिरा एकादशी?
इंदिरा एकादशी शनिवार, 28 सितंबर 2024 को आश्विन, कृष्ण एकादशी के संयोग में होगी। यह एकादशी उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो अपने पूर्वजों को पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त कराना चाहते हैं। ये एकादशी आध्यात्मिक विकास, आत्म-शुद्धि और पूर्वजों का सम्मान करने का पवित्र अवसर प्रदान करती हैं। माना जाता है कि इन दिनों व्रत और अनुष्ठान करने से शांति, समृद्धि और दैवीय आशीर्वाद मिलता है।
एकादशी तिथि आरंभ: 27 सितंबर 2024 को दोपहर 01:20 बजे.
एकादशी तिथि समाप्त: 28 सितंबर 2024 को दोपहर 02:49 बजे.
पारण तिथि और समय: भक्त रविवार, 29 सितंबर, 2024 को सुबह 06:13 बजे से 08:36 बजे के बीच अपना उपवास तोड़ सकते हैं।
एकादशी पूजा अनुष्ठान
– पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
– एक लकड़ी का तख्ता लें और उसमें भगवान विष्णु की एक मूर्ति और श्रीयंत्र भी रखें, जो देवी लक्ष्मी का रूप है।
– मूर्ति के सामने दीया जलाएं और मूर्ति को माला और तिलक से सजाएं।
– मूर्ति के सामने एक कलश रखें और तुलसी पत्र चढ़ाएं।
– पांच मौसमी फल, सूखे मेवे और मिठाई का भोग लगाएं।
– मूर्ति का आह्वान करने के लिए मंत्रों का जाप करना चाहिए और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए।
एकादशी मंत्र
– ॐ नमो भगवते वासुदेवाय..!!
– हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे..!!
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