Nagpur violence: महाराष्ट्र में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इसी बीच, राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने औरंगजेब की कब्र हटाने (Aurangzeb tomb row) की मांग का समर्थन करते हुए एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भी आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को अपनी जमीन पर दफनाने की अनुमति नहीं दी थी, बल्कि उसके शव को समुद्र में फेंक दिया था ताकि उसका कोई महिमामंडन न हो सके।
औरंगजेब विवाद पर क्या बोल गए एकनाथ शिंदे?
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि अमेरिका ने भी ओसामा बिन लादेन को अपनी जमीन पर दफनाने की अनुमति नहीं दी थी बल्कि उसकी लाश को समुद्र में फेंक दिया था।
शिंदे ने आगे कहा, “औरंगजेब कौन है? हमें अपने राज्य में उसका महिमामंडन क्यों होने देना चाहिए? वह हमारे इतिहास पर एक धब्बा है। उन्होंने मराठा राजा छत्रपति संभाजीराजे को इस्लाम अपनाने का ऑप्शन दिया था, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया और उन्हें बेरहमी से प्रताड़ित किया गया और मार डाला गया।”
विधान परिषद में हुई नोकझोंक
शिंदे का यह बयान विधान परिषद में शिवसेना (UBT) के MLC अनिल परब के साथ हुई नोकझोंक के दौरान आया। परब ने आरोप लगाया था कि शिंदे ने केंद्रीय एजेंसियों के डर से महा विकास अघाड़ी (MVA) से BJP में शामिल हो गए थे। इस पर शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा, “मैंने जो कुछ भी किया, खुले तौर पर किया और मैंने यह सब शिवसेना को औरंगजेब (कांग्रेस) से सहानुभूति रखने वालों से बचाने के लिए किया।”
कांग्रेस पर बोला तीखा हमला
शिंदे ने कांग्रेस पर भी हमला बोला और कहा कि यह कांग्रेस ही थी जिसने औरंगजेब की कब्र को सुरक्षा दी थी। उन्होंने कहा, “क्या कभी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसी पर ऐसा अत्याचार किया जैसा औरंगजेब ने अपने दुश्मनों पर किया था?”
नागपुर हिंसा का भी किया जिक्र
शिंदे ने नागपुर में हुई हिंसा का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल समर्थकों ने औरंगजेब का पुतला जलाया था। इसके बाद अफवाह फैल गई कि पुतले पर कोई धार्मिक ग्रंथ लिखा हुआ है, जिससे कुछ लोग नाराज हो गए और हिंसा हुई।
औरंगजेब की कब्र को लेकर छिड़ा है विवाद
महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल जैसे संगठनों ने कब्र को हटाने की मांग की। इन संगठनों का कहना है कि औरंगजेब ने हिंदू मंदिरों को तोड़ा और हिंदू धर्म के प्रति क्रूरता बरती थी। इसलिए, उनकी कब्र का महिमामंडन करना हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसा है।
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