मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक बयान दिया, जिससे सियासी गलियारों में हलचल मच गई। इस दौरान उन्होंने ढाई साल के कार्यकाल की सराहना की और साथ ही डिप्टी सीएम (Deputy CM) पद को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब शिंदे से पूछा गया कि क्या वह कल डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे, तो उनका जवाब था, “शाम तक रुको, बताते हैं।” इस बयान से एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं कि महाराष्ट्र में सत्ता के गलियारों में क्या चल रहा है?
सीएम पद को लेकर शिंदे ने क्या कहा?
एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम पद के बारे में भी एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा, “ढाई साल पहले जब देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने मेरे नाम की सिफारिश की थी, तो आज मैंने उन्हें समर्थन दिया है। यह कोई सवाल नहीं था कि मुझे क्या मिल रहा है। हमारे मन में सिर्फ एक ही सवाल था कि महाराष्ट्र को क्या मिल रहा है। इस पर ही हम काम कर रहे हैं।” शिंदे ने यह भी कहा कि महायुति (Maha Yuti) में कोई ऊंच-नीच नहीं है और सभी एकजुट होकर काम कर रहे हैं।
शिंदे ने आगे कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि ढाई साल में महायुति ने और हमारी टीम ने जो काम किया है, वह ऐतिहासिक है। इसे इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। यह एक बड़ी उपलब्धि है, और हमें इस पर गर्व है।”
#Live l 04-12-2024
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— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) December 4, 2024
अजित पवार ने भी ली चुटकी
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तीन बड़े नेता – देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार (Ajit Pawar) – एक साथ बैठे थे। इस मौके पर अजित पवार ने चुटकी लेते हुए कहा, “शिंदे का क्या फैसला होगा, इसके लिए आप लोग इंतजार करें, लेकिन मैं कल शपथ लेने वाला हूं। मैं रुकने वाला नहीं हूं।” इस पर शिंदे ने भी चुटकी ली और कहा, “दादा को सुबह और शाम दोनों समय शपथ लेने का अनुभव है।” इस मजाकिया टिप्पणी पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद सभी लोग हंसी से लोटपोट हो गए।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अजित पवार ने मीडिया में आई खबरों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में किसी से मिलने नहीं गए थे, लेकिन मीडिया में खबर आई थी कि वह अमित शाह से मिलने नहीं गए। अजित पवार ने कहा, “मुझे किसी से मिलने की जरूरत नहीं थी, बस कुछ काम थे, जैसे कि मेरी पत्नी को वहां बंगला अलॉट हुआ था। इसके अलावा मुझे वकीलों से भी मिलना था। दिल्ली में थोड़ी राहत मिलती है, मुंबई के मुकाबले वहां का माहौल थोड़ा शांतिपूर्ण होता है।”