महाराष्ट्र सरकार

महाराष्ट्र सरकार में एकनाथ शिंदे या अजित पवार ? किसे मिलेगा ज्यादा मंत्रालय

महाराष्ट्र में महायुति की नई सरकार का गठन हो गया है। आज यानी गुरुवार को महाराष्ट्र में देवेंद्र फडनवीस ने सीएम पद की शपथ ली है। वहीं एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। हालांकि इस बीच सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर यह आ रही है कि एकनाथ शिंदे को खुश करने के लिए बीजेपी मंत्री पदों पर समझौता कर सकती है। लेकिन अभी तक महायुति कि तरफ से कोई घोषणा नहीं हुई है।

किसको मिलेगा ज्यादा मंत्रालय

सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र में महायुति सरकार के नई गठन के बाद अब मंत्रालय बंटवारा को लेकर बातचीत चल रही है। माना जा रहा है कि सरकार गठन के बाद अब बीजेपी ने शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे को खुश करने की कवायद शुरू कर दी है। ऐसे में शिवसेना को अजित पवार की एनसीपी से ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। बता दें कि एकनाथ शिंदे को 12 से 13 मंत्री पद मिल सकते हैं, तो वहीं अजित पवार के पास 8 से 10 मंत्री पद जा सकते हैं। वहीं बीजेपी खुद के लिए 18 से 20 मंत्री रखने पर विचार कर रही है।

क्या नाराज थे एकनाथ शिंदे?

सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र में महायुति की जीत के बाद बीजेपी के कुछ फैसलों से एकनाथ शिंदे नाखुश दिख रहे थे। वहीं देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाए जाने के निर्णय के बीच एकनाथ शिंदे ने चुप्पी साध ली थी और कुछ समय के लिए गांव भी चले गए थे। हालांकि उसी दौरान बीजेपी ने उन्हें डिप्टी सीएम का पद ऑफर किया था, लेकिन एकनाथ शिंदे ने इसे तुरंत न स्वीकारते हुए अपनी चुप्पी बरकरार रखी थी।

एकनाथ शिंदे की मांग

महाराष्ट्र में सूत्रों के मुताबिक एकनाथ शिंदे अपने बेटे के लिए डिप्टी सीएम का पद और अपने लिए विधानसभा परिषद अध्यक्ष के पद की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा यह भी सामने आया था कि वह अपनी पार्टी के लिए गृह मंत्रालय का पद भी मांग रहे हैं। हालांकि बीजेपी नेतृत्व ने उनसे बातचीत की और कुछ समय बाद एकनाथ शिंदे ने डिप्टी सीएम का पद स्वीकार कर लिया है।

पीएम मोदी और अमित शाह लेंगे फैसला

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने यह स्पष्ट तौर पर कहा था कि वह किसी बात से नाराज नहीं थे। वो सिर्फ तबीयत खराब होने की वजह से अपने गांव गए थे। उन्होंने यह भी साफ कर दिया था कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो भी फैसला लेंगे, वह उसका समर्थन करेंगे खुशी-खुशी सरकार बनाएंगे।