Election Commission’s strictness : दिल्ली। देश में आम चुनावों के लिए प्रथम चरण के मतदान की तिथि निकट है। मतदान 19 अप्रैल को है, हालांकि इससे पहले ही चुनाव में धनबल के इस्तेमाल की कोशिशें शुरू हो गई हैं। इस पर चुनाव आयोग की पैनी नजर है। एक मार्च से 13 अप्रैल के बीच देश में अवैध तरीके से एक स्थान से दूसरे स्थान लाई जा रही या फिर संग्रह करके रखी गई कुल 4 हजार 650 करोड़ की नकदी व सामग्री चुनाव आयोग अब तक जब्त कर चुका है।
हर दिन करीब 100 करोड़ की जब्ती
चुनाव आयोग के आंकड़ों को बारीकी से देखा जाए तो आयोग हर दिन औसतन करीब 100 करोड़ की जब्ती कर रहा है। इनमें अकेले दो हजार करोड़ से अधिक की कीमत का ड्रग्स शामिल है। इसके अलावा करीब चार सौ करोड़ की नकदी, 489 करोड़ की शराब, 562 करोड़ के सोने-चांदी के आभूषण और 1,142 करोड़ के उपहार भी जब्त किए गए हैं।
लोकसभा चुनावी इतिहास की सबसे बड़ी जब्ती
इस बार के लोकसभा चुनावों की सख्ती का पता इससे ही लगता है कि अब तक की गई जब्ती लोकसभा चुनावों के अब तक के इतिहास में सबसे बड़ी जब्ती है। इस चुनाव में मतदाताओं को नकदी, शराब, ड्रग्स और उपहारों के जरिए प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा था। ऐसे आयोग द्वारा गठित टीमों ने देशभर में ये कार्रवाई की है।
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राजस्थान में सबसे ज्यादा और यूपी में सबसे कम
आयोग की ओर से की गई जब्ती पर नजर डाली जाए तो मिले आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा जब्ती राजस्थान में की गई है और सबसे कम जब्ती उत्तरप्रदेश में हुई है। आंकड़ों के हिसाब से राजस्थान में अब तक 778 करोड़, गुजरात में 605 करोड़, तमिलनाडु में 460 करोड़, महाराष्ट्र में 431करोड़, पंजाब में 311 करोड़, कर्नाटक में 281करोड़, दिल्ली में 236 करोड़, पश्चिम बंगाल में 219 करोड़, बिहार में 155 करोड़, उत्तर प्रदेश में 145 करोड़ जब्त किए गए हैं।
पिछली बार हुई थी 3,475 करोड़ की जब्ती
मतदाताओं को लुभाने के बढ़ते चलन को देखते हुए आयोग पहले से ही अवैध रूप से इन चीजों के परिवहन और जमाखोरी पर नजर रख रहा था। आयोग के मुताबिक 2019 के चुनाव के दौरान भी 3,475 करोड़ की नगदी और सामग्रियों को जब्त किया गया था। इस बार अब तक ये आंकड़ा पिछली बार की बजाय 1175 करोड़ रुपए ज्यादा जा चुका है।