अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए पूर्णतः तैयार है, और इस बार कुछ खास मतदाता अपना वोट एक अनोखे मतदान केंद्र से डालेंगे। जी हां, हम बात कर रहे हैं अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) की, जो पृथ्वी से सैकड़ों किलोमीटर ऊपर है। यहां तैनात अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री भी अपने देश के चुनाव में हिस्सा लेंगे।
आईएसएस (ISS) पर दो अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री मौजूद
इस समय आईएसएस (ISS) पर दो अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं – बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स। ये दोनों बोइंग स्टारलाइनर मिशन के हिस्से के रूप में वहां हैं। पहले इनका मिशन जून 2024 तक का था, लेकिन सुरक्षा कारणों की वजह से इसे बढ़ा दिया गया है। अब ये दोनों कम से कम फरवरी 2025 तक अंतरिक्ष में रहेंगे।
सुनीता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया बयान
सुनीता विलियम्स ने सितंबर में नासा की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, “एक नागरिक के रूप में वोट देना हमारी जिम्मेदारी है। मुझे खुशी है कि मैं अंतरिक्ष से वोट दे पाऊंगी।”
पहले भी अंतरिक्ष (ISS) से दे चुके है वोट
यह कोई नई बात नहीं है। अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री 1997 से ही अंतरिक्ष से वोट डाल रहे हैं। यह सब टेक्सास के एक कानून की वजह से संभव हुआ। टेक्सास में नासा का जॉनसन स्पेस सेंटर है। इस कानून का मकसद था कि अंतरिक्ष में काम कर रहे लोग भी अपने देश के लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा ले सकें।
अंतरिक्ष से वोट डालने का तरीका कुछ अलग है। अंतरिक्ष यात्रियों को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वोट डालने की सुविधा दी जाती है। उन्हें सैटेलाइट के जरिए इलेक्ट्रॉनिक मतपत्र भेजा जाता है। वे अपना वोट डालते हैं और फिर उसे वापस पृथ्वी पर भेज देते हैं।
1997 में डेविड वुल्फ पहले अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री थे जिन्होंने अंतरिक्ष से वोट डाला था। उन्होंने मीर अंतरिक्ष स्टेशन से वोट किया था, जो अब बंद हो चुका है। उसके बाद से कई अंतरिक्ष यात्री अपना वोट डाल चुके हैं। 2020 के अमेरिकी चुनाव में केट रूबिन्स ने आईएसएस से वोट डाला था।
इस तरह की व्यवस्था से यह सुनिश्चित होता है कि हर अमेरिकी नागरिक, चाहे वह कहीं भी हो कितनी भी दूर हो, वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके। यह दिखाता है कि अमेरिका अपने लोकतंत्र को कितना महत्व देता है।
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