झुकेगा नहीं जेलेंस्की..! पुतिन के 10 हज़ार सैनिक मार, अब एलन मस्क को हिला डाला?

Cyber ​​Attack On X: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की किसी भी हाल में झुकने को तैयार नहीं हैं। पहले उन्होंने रूसी सेना पर करारा प्रहार करते हुए 10,000 सैनिकों को मार गिराया और अब अमेरिकी अरबपति एलन मस्क को तगड़ा झटका दे दिया है। मस्क का दावा है कि उनके “X” (पूर्व में ट्विटर) पर यूक्रेन से बड़े पैमाने पर साइबर हमला किया गया। यह हमला इतना सुनियोजित था कि X का सिस्टम पूरी तरह ठप (twitter down) पड़ गया।

मस्क पर यूक्रेन का साइबर अटैक?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को X पर बड़े पैमाने पर साइबर हमला हुआ, जिसका एलन मस्क सीधा लिंक यूक्रेन से जोड़ रहे हैं। फॉक्स बिजनेस से बात करते हुए मस्क ने खुद कहा कि उन्हें नहीं पता कि वास्तव में यह हमला कैसे हुआ, लेकिन यह स्पष्ट रूप से यूक्रेन से उत्पन्न हुआ था।

मस्क के मुताबिक, यूक्रेनी क्षेत्र से जुड़े IP एड्रेस के जरिए X के सिस्टम को पूरी तरह ध्वस्त करने की कोशिश की गई। यह हमला इतना व्यापक और योजनाबद्ध था कि X ने कुछ समय के लिए काम करना बंद कर दिया था। उन्होंने इसे एक “सिस्टमेटिक साइबर अटैक” करार दिया और संकेत दिया कि इसके पीछे किसी बड़े समूह का हाथ हो सकता है।

एलन मस्क V/S जेलेंस्की: क्या है विवाद की असली जड़?

बता दें कि यह साइबर हमला उस समय हुआ है जब एलन मस्क और पोलैंड के विदेश मंत्री के बीच यूक्रेन के स्टारलिंक प्रोजेक्ट को लेकर तीखी बहस हुई थी। इस बहस में मस्क ने दावा किया था कि वह एक बटन दबाकर यूक्रेन को युद्ध में बड़ा झटका दे सकते हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने पोलैंड के मंत्री को “छोटा आदमी” कहकर उनका मजाक भी उड़ाया था।

यह पहली बार नहीं है जब मस्क और जेलेंस्की के बीच तनातनी बढ़ी हो। इससे पहले भी मस्क ने यूक्रेन को स्टारलिंक सेवा देने पर सवाल उठाए थे और इसे सीमित करने की बात कही थी। अब इस साइबर हमले के बाद साफ है कि जेलेंस्की की सरकार किसी भी तरह का दबाव झेलने को तैयार नहीं है।

क्या रूस-यूक्रेन युद्ध में आया नया मोड़?

बता दें कि जहां एक ओर जेलेंस्की ने रूस के खिलाफ मजबूती से मोर्चा संभाला है, वहीं दूसरी ओर वह शांति वार्ता के लिए सऊदी अरब पहुंचे हैं। वहां वे अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो के साथ बातचीत कर रहे हैं। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, जेलेंस्की फिलहाल अंतरिम युद्धविराम चाहते हैं ताकि शांति वार्ता के दौरान यूक्रेन को और नुकसान न उठाना पड़े।

वहीं यूक्रेन की सबसे बड़ी मांग यह है कि रूस उन सभी इलाकों से पीछे हटे, जिन पर उसने युद्ध के दौरान कब्जा कर लिया है। हालांकि, पुतिन की ओर से इस पर अब तक कोई नरमी नहीं दिखाई गई है। 2022 में यह युद्ध तब शुरू हुआ था जब यूक्रेन ने नाटो में शामिल होने की इच्छा जताई थी, जिसे रूस ने अपने लिए सीधा खतरा बताया था।

क्या जेलेंस्की अब पूरी तरह आक्रामक हो गए हैं?

जेलेंस्की पर एलन मस्क का साइबर अटैक का आरोप समेत रूसी सैनिकों को भारी नुकसान और शांति वार्ता—इन सभी घटनाओं को मिलाकर देखें, तो साफ दिखता है कि जेलेंस्की अब पहले से ज्यादा आक्रामक रणनीति अपना रहे हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या अमेरिका और उसके सहयोगी देश इस घटना के बाद यूक्रेन को लेकर अपनी नीति में कोई बदलाव करेंगे? क्या एलन मस्क अब जेलेंस्की के खिलाफ कोई कड़ा कदम उठाएंगे? और सबसे अहम—क्या यह साइबर हमला रूस-यूक्रेन युद्ध के नए मोर्चे की शुरुआत है?

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