Emotional Reunion Story

गुमशुदगी की एक बड़ी दर्दनाक कहानी, जानें कैसे एक शब्द ने मां-बेटी को 7 साल बाद मिलाया

Emotional Reunion Story: मां अपने गर्भ में पलने वाले शिशु को पूरे नौ माह तक ढ़ोती है और ग्रहस्थी का सारा काम करती है। संसार में मां के सिवा कोई इतना धैर्यवान और सहनशील नहीं है। इसलिए माँ से बढ़ कर इस संसार में कोई और नहीं। आज हम आपको एक गुमशुदगी की ऐसी दर्दनाक कहानी बताने जा रहे हैं, जिसको सुनकर हर किसी के रौंगटे खड़े हो जाए। हाल ही में कर्नाटक में एक बेटी का 7 साल का इंतज़ार (Emotional Reunion Story) खत्म हुआ हैं। उसको अपनी मां से मिलाने के पीछे एक शब्द का करिश्मा देखने को मिला।

आज जिस घटना का जिक्र हम करने जा रहे हैं वो ऐसी घटना हैं जो सिर्फ फिल्मी दुनिया में देखने और सुनने को मिलती हैं। लेकिन हकीकत में ऐसा ही कुछ हुआ जिसको सुनकर हर कोई हैरान रह गया। सात साल पहले लापता हुई एक महिला बेघर होकर सड़कों पर भटक रही थी, अपनी पहचान तक भूल चुकी थी। लेकिन अब वो अपनी परिवार के साथ हैं।

7 साल तक भटक रही थी कस्तूरी पाटिल

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में पिछले काफी सालों से एक महिला भटक रही थी। उसकी हालत बेहद दयनीय होते देख स्थानीय नागरिकों ने एक सामाजिक संगठन को इसकी जानकारी दी। बेघर लोगों की मदद करने वाले इस सामाजिक संगठन ने कस्तूरी की देखभाल की और धीरे-धीरे उनकी हालत में सुधार होने लगा। लेकिन कुछ सालों बाद एक दिन ऐसा चमत्कार हुआ जिससे वो अपने परिवार जनों से मिल पाई।

एक शब्द ने मां-बेटी को 7 साल बाद मिलाया

कस्तूरी पाटिल नामक की यह महिला अपनी पहचान तक भूल चुकी थी। लेकिन एक दिन उसके मुंह से एक ऐसा शब्द निकला, जिसने उस महिला को उसकी बेटी से मिलाया। बता दें कस्तूरी देवी ने एक ‘बादामी’ शब्द बोला। जिस पर उस सामाजिक संगठन ने पूरा ध्यान दिया, जिन्होंने उसकी देखभाल की। बादामी कर्नाटक के बागलकोट जिले का एक महत्वपूर्ण शहर है। उनकी टीम ने जब वहां के पुलिस स्टेशन में संपर्क किया तो पता चला कि एक बेटी ने अपनी मां की कई साल पहले गुमशुदगी की रिपोर्ट दी थी।

किसी चमत्कार से कम नहीं था ये पल

बादामी पुलिस ने इस मामले में तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करते हुए महिला को उसकी बेटी से मिलवा दिया। बता दें सात साल पहले कस्तूरी की बेटी देवम्मा भिंगारी ने अपनी मां की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। अब जब देवम्मा को उसकी मां के बारे में जानकारी मिली तो उसकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। यह पल माँ-बेटी के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं रहा।

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