Jammu Kashmir Encounter: जम्मू कश्मीर के सोपोर जिले के राफियाबाद क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच एक मुठभेड़ में एक आतंकवादी ढेर हो गया। यह कार्रवाई सोपोर पुलिस और 32 राष्ट्रीय राइफल्स के संयुक्त ऑपरेशन में की गई। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेरकर एक सर्च ऑपरेशन चलाया है और आशंका व्यक्त की जा रही है कि क्षेत्र में अभी और आतंकवादी मौजूद हो सकते हैं।
डुडु में सीआरपीएफ इंस्पेक्टर की शहादत
हाल ही में, 19 अगस्त 2024 को आतंकवादियों ने डुडु के चील इलाके में एक संयुक्त गश्ती दल पर हमला किया। इस हमले में सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कुलदीप कुमार शहीद हो गए। इस घटना के बाद से सुरक्षाबलों की तलाशी और ऑपरेशंस की संख्या बढ़ा दी गई है, ताकि आतंकवादियों का खात्मा किया जा सके और क्षेत्र में शांति सुनिश्चित की जा सके।
#WATCH | J&K: Exchange of fire at Watergam area of Sopore. Alert security forces retaliated. Area cordoned off. Searches underway: Kashmir Zone Police
(Visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/3BQ0NrsTHw
— ANI (@ANI) August 24, 2024
चुनाव की तैयारी और सुरक्षा में वृद्धि
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनावों की निष्पक्षता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की है। वर्तमान में, जम्मू-कश्मीर में अर्धसैनिक बलों की लगभग 300 कंपनियों को तैनात किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, चुनावों के दौरान किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा बल लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।
दो दिन पहले पाकिस्तानी घुसपैठिया हुआ था गिरफ्तार
22 अगस्त 2024 को शाम के समय, भारतीय सीमा में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे एक पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार किया गया। इस घुसपैठिए की पहचान अजहर के रूप में हुई है और इसे नियंत्रण रेखा पर चाकन दा बाग के पास से पकड़ा गया है।
नई सुरक्षा रणनीति बना रही मोदी सरकार
हाल के महीनों में जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है, विशेषकर पीर पंजाल के दक्षिणी इलाकों में जहां जंगल और पहाड़ियां आतंकवादियों के छिपने के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करती हैं। इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि जम्मू-कश्मीर के लिए एक नया सुरक्षा ढांचा तैयार किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य आतंकवादियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करना है जो आम नागरिकों, सैन्यकर्मियों और शिविरों को निशाना बनाते हैं।