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Iran: हिजाब विरोध का नया मामला, छात्रा की हिरासत से बढ़ा विवाद

ईरान में हिजाब विरोध: छात्रा ने यूनिवर्सिटी में उतारे कपड़े, मचा बवाल

Iran University Girl  हाल ही में ईरान में हिजाब कानून के विरोध में एक छात्रा ने अपने कपड़े उतार दिए थे।  यह घटना 2 नवंबर की बताई जा रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में दिखाया गया कि छात्रा केवल इनरवियर पहनकर कैंपस में घूम रही थी।

मानसिक दबाव में थी छात्रा : पुलिस

इस घटना के बाद पुलिस ने छात्रा को हिरासत में ले लिया। पुलिस का कहना है कि छात्रा गंभीर मानसिक दबाव में थी। उसे पूछताछ के बाद मनोरोग अस्पताल में भेज दिया गया है। लेकिन छात्रा की सुरक्षा को लेकर अब चिंताएं बढ़ गई हैं।

कहां है अहौ दारयाई?

छात्रा का नाम अहौ दारयाई बताया जा रहा है। ईरानी पत्रकार मसीह अलीनेजाद ने कहा कि यूनिवर्सिटी की मोरैलिटी पुलिस ने हिजाब ठीक से न पहनने के लिए अहौ दारयाई को परेशान किया गया था। इसके विरोध में उसने यह कदम उठाया।

ईरान में हिजाब न पहनने पर जेल की सजा का प्रावधान है। इस कड़े कानून के खिलाफ पिछले कुछ सालों से विरोध हो रहा है। महसा अमीनी की मौत के बाद से यह विरोध और तेज हो गया है। महसा अमीनी को सितंबर 2022 में हिजाब ठीक से न पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में पुलिस हिरासत में उनकी मौत हो गई थी।

अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने की रिहाई की मांग

इस नए मामले में कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने चिंता जताई है। एमनेस्टी ईरान ने छात्रा की तुरंत रिहाई की मांग की है। संगठन ने कहा कि ईरान के अधिकारियों को छात्रा को बिना किसी शर्त के रिहा करना चाहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपने परिवार और वकील से संपर्क कर सके।

ईरान के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत माई सातो ने कहा कि वह इस घटना पर करीब से नजर रख रही हैं। उन्होंने कहा कि वह यह भी देखेंगी कि अधिकारी इस मामले में कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।

यह घटना ईरान में हिजाब कानून को लेकर चल रहे विवाद को और बढ़ा सकती है। पिछले कुछ सालों में कई महिलाओं ने इस कानून का विरोध किया है। लोगों का मानना है कि यह कानून महिलाओं के अधिकारों का हनन करता है। लेकिन सरकार इसे इस्लामी कानून का हिस्सा बताती है।

इस घटना ने एक बार फिर ईरान में महिलाओं की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दुनिया भर के मानवाधिकार संगठन ईरान सरकार से हिजाब कानून में बदलाव की मांग कर रहे हैं। लेकिन अभी तक सरकार ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया है।

अब देखना यह होगा कि इस नए मामले में सरकार क्या कदम उठाती है। क्या छात्रा को रिहा किया जाएगा या फिर उस पर कोई कार्रवाई की जाएगी?

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