साल 2024 खत्म होने में अब सिर्फ कुछ चंद दिन ही बचे हैं। जिसके बाद साल 2025 की शुरूआत हो जाएगी। वहीं नया साल आने के साथ ही आईटीआर फाइल करने वाले टैक्सपेयर्स की टेंशन बढ़ जाएगी। इसीलिए आज हम आपको अगले साल आईटीआर में बदलने वाले नियमों के बारे में बताने वाले हैं।
साल 2024 में किन नियमों में हुए बदलाव
बता दें कि साल 2024 में इनकम टैक्स कानून में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। हालांकि अप्रैल से जून 2024 के बीच हुए आम चुनावों के चलते यह बजट मध्य वर्ष में पेश किया गया था। लेकिन इन बदलावों का असर वित्तीय वर्ष 2024-25 की इनकम टैक्स कैलकुलेशन और जुलाई 2025 में इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइलिंग पर भी पड़ेगा। इसलिए ये जानना जरूरी है कि क्या-क्या बदलाव हुए हैं।
टैक्स स्लैब्स में बदलाव
जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने नए टैक्स रिजीम के तहत इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया है। जिसेस वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए टैक्सपेयर्स को 17,500 रुपए तक की बचत हो सकती है। वहीं नए टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50,000 रुपय़े से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दी गई है। वहीं पारिवारिक पेंशनधारकों के लिए यह सीमा 15,000 रुपए से बढ़ाकर 25,000 रुपए की गई है।
एलटीसीजी और एसटीसीजी पर नई दरें
बता दें कि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के इक्विटी और इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स पर 20% और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर सभी संपत्तियों पर 12.5% का लाभ मिलेगा। वहीं कैपिटल गेन को लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म के रूप में डिफाइन करने के लिए होल्डिंग अवधि को दो कैटेगरी में सीमित किया गया है।
विदेशी शिक्षा शुल्क पर टीसीएस क्रेडिट का मिलेगा लाभ
इसके अलावा बच्चों की विदेशी शिक्षा शुल्क पर माता-पिता टीसीएस का क्रेडिट अपने नाम पर कर सकते हैं, बता दें कि यह नियम 1 जनवरी 2025 से लागू होगा। वहीं 10 लाख रुपये से अधिक मूल्य की लग्जरी वस्तुएं खरीदने पर टीसीएस देना होगा, बता दें यह भी नियम 1 जनवरी 2025 से लागू होगा। आसान भाषा में अगर आप लक्जरी समान खरीदने की सोच रहे हैं, तो इस टैक्स का जेब पर सीधा असर डालने जा रहा है।
आधार नामांकन नंबर का उपयोग नहीं
बता दें कि आधार नामांकन संख्या में अब इनकम टैक्स रिटर्न और पैन आवेदन में उपयोग नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि 2017 में इसे अनिवार्य किया गया था, लेकिन 2024 के पूर्ण बजट में सरकार ने इसे फिर से हटा दिया गया है।
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