जापानी इंसेफ्लाइटिस

दिल्ली में जापानी इंसेफ्लाइटिस का पहला मामला, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

राजधानी दिल्ली में अभी भी वायु प्रदूषण का खात्मा नहीं हो पाया है। लेकिन इस बीच दिल्ली वालों के लिए एक बुरी खबर सामने आई है। दरअसल राजधानी में जापानी इंसेफ्लाइटिस का मामला सामने आया है। बीते बुधवार को एमसीडी की तरफ से जारी नोटिस के मुताबिक जापानी इंसेफ्लाइटिस का पहला ‘आइसोलेटेड’ केस पश्चिमी जोन अंतर्गत बिंदापुर क्षेत्र में दर्ज किया गया है। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है। राष्ट्रीय गाइ़डलाइन्स के मुताबिक जन स्वास्थ्य नीतियों को लागू किया गया है।

दिल्ली में पहला जापानी इंसेफ्लाइटिस का मामला

बता दें कि एमसीडी की नोटिस में कहा गया है कि हाल ही में जापानी इंसेफ्लाइटिस की सूचना पश्चिमी क्षेत्र के बिंदापुर क्षेत्र से मिली है। बता दें कि जापानी इंसेफ्लाइटिस वायरल संक्रमण है, ये बीमारी क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से फैलती है। जापानी इंसेफ्लाइटिस का वायरस जानवरों, पक्षियों, सूअरों से क्यूलेक्स मच्छर के जरिये मानव में संचारित होता है। जानकारी के मुताबिक इस बीमारी की चपेट में आने के बाद तेज बुखार हो सकता है। वहीं जापानी इंसेफ्लाइटिस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है, जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है।

स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

राजधानी में पहला मामला आने के बाद एमसीडी के स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट रहने और वेक्टर नियंत्रण उपायों को मजबूत करने का आदेश दिया है। सभी डीएचओ और महामारी विज्ञानियों को जागरूकता अभियान समेत वेक्टर नियंत्रण उपायों को मजबूत करने की हिदायत मिली है।

 

जापानी इंसेफ्लाइटिस
जापानी इंसेफ्लाइटिस

जापानी इंसेफ्लाइटिस खतरनाक

बता दें कि जापानी इंसेफ्लाइटिस के मामले भारत में पहले भी सामने आ चुके हैं। नेशनल सेंटर फॉर वॉटर बोर्न डिजीज कंट्रोल से मिली जानकारी के मुताबिक 2018 -2024 तक सबसे ज्यादा मामले असम में सामने आए थे, इसके चपेट में आने से कई मरीजों की मौत भी हो चुकी है। इसके अलावा बिहार, कर्नाटक, मणिपुर, मेघालय में भी जापानी इंसेफ्लाइटिस के केसे दर्ज किये जा चुके हैं। हालांकि दिल्ली में जापानी इंसेफ्लाइटिस का 2018 से अब तक का पहला मामला है।

प्रदूषण से थोड़ी राहत

राजधानी दिल्ली में प्रदूषण से मामूली राहत मिली है, अभी एक्यूआई लेवल 400 से कम हुआ है। वहीं दिल्ली-एनसीआर में सोमवार तक ग्रैप 4 लागू रहेगा। प्रदूषण मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यह आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) स्थिति का जायज़ा लेकर सुझाव दे।