कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए दूसरी लिस्ट में पांच और उम्मीदवारों की घोषणा करने के साथ ही सीकर सीट इंडिया गठबंधन की सहयोगी पार्टी माकपा के लिए छोड़ने का फैसला किया है। झालावाड़ सीट पर वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह के सामने उर्मिला जैन फिर चुनाव लड़ेंगीं, बाड़मेर में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी के मुकाबले उम्मेदाराम बेनीवाल, पाली से संगीता बेनीवाल, श्रीगंगानगर से कुलदीप इंदौरा और जयपुर शहर से सुनील शर्मा को टिकट दिया गया है। कांग्रेस और भाजपा दोनों अब तक 15-15 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुके हैं।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस गठबंधन करती रही है, लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पहली बार किसी सहयोगी दल के लिए सीट छोड़ी है। सीकर लोकसभा की आठ विधानसभा सीटों में से पांच पर कांग्रेस का कब्जा है, इसके बावजूद कांग्रेस ने सीट माकपा को दे दी। माकपा इस सीट से अपने पूर्व विधायक अमराराम को चुनाव लड़ा सकती है। पहले जब कांग्रेस में दिग्गज नेताओं के चुनाव लड़ने की चर्चा हुई थी तो सीकर सीट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का नाम चला था।
तीन सीटों पर गठबंधन की तैयारी
पार्टी इस बार तीन सीटों पर गठबंधन कर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। इसमें नागौर सीट पर आरएलपी (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी) और डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट पर बीएपी (भारतीय आदिवासी पार्टी) से गठबंधन की संभावना है। 2014 के चुनाव में नागौर सीट पर आरएलपी के हनुमान बेनीवाल जीते थे, तब आरएलपी एनडीए में शामिल थी। आरएलपी और कांग्रेस में इस बार गठबंधन की चर्चा है, लेकिन कांग्रेस के ही कुछ नेता इसका विरोध कर रहे हैं। हांलाकि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आरएलपी से गठबंधन के पक्ष में माने जा रहे हैं। उधर डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट पर भी बीएपी ने पहले ही अपने चौरासी सीट से विधायक मोहनलाल रोत को लोकसभा का टिकट थमा दिया है। भाजपा ने यहां से महेंद्रजीत सिंह मालवीय को अपना उम्मीदवार बनाया है। पूर्व मंत्री और 2023 के चुनाव में बागीदौरा सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने आदिवासी नेता मालवीय हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं।
आरएलपी से आए बेनीवाल को टिकट
बाड़मेर-जैसलमेर सीट से प्रत्याशी बनाए गए उम्मेदाराम बेनीवाल ने भी पिछले सप्ताह ही आरएलपी छोड़ कांग्रेस ज्वाइन की थी। पहले चर्चा थी कि कांग्रेस बाड़मेर सीट भी आरएलपी के लिए छोड़ सकती है, लेकिन कांग्रेस में गठबंधन पर एक राय नहीं बनने पर आरएलपी के संभावित प्रत्याशी उम्मेदाराम को कांग्रेस में शामिल कर टिकट दे दिया गया। उनका मुकाबला केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी से होगा। दोनों नेता पहले बायतु विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़ चुके हैं।
वसुंधरा पुत्र के सामने पूर्व मंत्री की पत्नी
झालावाड़ सीट पर पार्टी ने पूर्वमंत्री प्रमोद जैन भाया की पत्नी उर्मिला जैन को फिर से मैदान में उतारा है। उर्मिला 2009 में भी दुष्यंत के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी हैं, जबकि प्रमोद जैन भी 2014 में इस सीट से लोकसभा में पहुंचने की नाकाम कोशिश कर चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत झालावाड़ से 4 बार से लगातार जीत रहे हैं और पांचवी बार मैदान में हैं।
श्रीगंगानगर से प्रत्याशी बनाए गए कुलदीप इन्दौरा सचिन पायलट के समर्थक हैं। पूर्व मंत्री हीरालाल इन्दौरा के पुत्र कुलदीप 2018 में अनूपगढ़ से विधानसभा चुनाव में भी किस्मत आजमा चुके हैं। श्रीगंगानगर से निहालचंद भाजपा सांसद हैं, पार्टी ने इस बार अब तक इस सीट पर टिकट घोषित नहीं किया है।
जयपुर में नए चेहरे पर दांव
जयपुर शहर से प्रत्याशी बनाए गए सुनील शर्मा नया चेहरा हैं। प्रदेश कांग्रेस के महासचिव शर्मा कांग्रेस ट्रेनिंग डिपार्टमेंट और सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख रहे हैं और प्राइवेट यूनीवर्सिटी के मालिक हैं। भाजपा ने अभी इस सीट पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
पाली से प्रत्याशी संगीता बेनावाल बाल सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष हैं। उन्हे पिछली गहलोत सरकार ने नियुक्त किया था। वे गहलोत के उससे पहले के कार्यकाल में भी इसी पद पर रहीं थीं। गहलोत की नजदीकी हैं और कांग्रेस से लंबे समय से जुड़ी हैं।