Food to Boost Memory: स्मृति अथवा मेमोरी किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मेमोरी ना सिर्फ संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं (cognitive processes) की नींव के रूप में कार्य करती है और व्यक्तिगत पहचान को आकार देती है। यह हमें अनुभवों से सीखने, ज्ञान बनाए रखने और निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। पिछली घटनाओं, पाठों और कौशलों को याद करने की क्षमता समस्या-समाधान और नई स्थितियों में अनुकूलन की सुविधा प्रदान करती है। मेमोरी शिक्षा का अभिन्न अंग है, जो छात्रों को जानकारी बनाए रखने और उसे विभिन्न संदर्भों में लागू करने की अनुमति देती है।
मेमोरी का रोजमर्रा के जीवन में योगदान (Contribution of memory in everyday life)
इसके अलावा, स्मृति (Memory) अनुभवों और भावनाओं को संरक्षित करके व्यक्तिगत संबंधों की समृद्धि में योगदान देती है। यह सांस्कृतिक और सामाजिक निरंतरता का आधार बनता है, क्योंकि सामूहिक यादें समुदायों की पहचान को आकार देती हैं। मेमोरी पिछले अनुभवों के आधार पर संभावित खतरों की पहचान की अनुमति देकर व्यक्तिगत सुरक्षा भी करती है। संक्षेप में, स्मृति एक मौलिक संज्ञानात्मक कार्य (fundamental cognitive function) है जो हमारे व्यक्तिगत और सामूहिक अस्तित्व के ताने-बाने को बुनती है, जो हमारे पूरे जीवन में निरंतरता, सीखने और अनुकूलनशीलता की भावना प्रदान करती है।
क्या कहता है आयुर्वेद (What Ayurveda Says)
ऐसा देखा गया है कि कुछ व्यक्तियों में समय के साथ अथवा किसी बीमारी के कारण मेमोरी लॉस हो जाता है अथवा सोचने-समझने की क्षमता कम होती जाती है। ऐसे में आयुर्वेद आपकी बहुत मदद कर सकता है। जब इस सम्बन्ध में OTT India ने लखनऊ के आयुर्वेदाचार्य सोमनाथ शर्मा से बात की तो उनका कहना था कि ना सिर्फ उम्र बल्कि खान-पान भी कई बार हमारे मेमोरी में बड़ा योगदान देते हैं। उनका कहना था कि अच्छी जीवन शैली और अच्छा खान-पान आपकी मेमोरी को बहुत तेज (Food to Boost Memory) बनाये रख सकता है। आइये आयुर्वेदाचार्य द्वारा सुझाये गए पांच ऐसे फ़ूड आइटम्स पर नजर डालते हैं जिन्हे अपने डाइट में शामिल करने से आपकी मेमोरी हमेशा तेज रहेगी। आयुर्वेद के अनुसार याददाश्त बढ़ाने के लिए पांच खाद्य पदार्थ:
ब्राह्मी (Brahmi)
ब्राह्मी एक जड़ी-बूटी है जो अपने याददाश्त-बढ़ाने वाले गुणों के लिए जानी जाती है। इसका उपयोग अक्सर याददाश्त और मानसिक स्पष्टता का समर्थन करने के लिए आयुर्वेदिक तैयारियों में किया जाता है। ब्राह्मी तनाव और चिंता को कम करने में मदद करती है, जिससे बेहतर संज्ञानात्मक कार्य को बढ़ावा मिलता है।
अश्वगंधा (Ashwagandha)
अश्वगंधा एक एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी है जिसके बारे में माना जाता है कि यह मस्तिष्क के संपूर्ण कामकाज और याददाश्त में मदद करती है। यह तनाव को प्रबंधित करने में मदद करता है, एक ऐसा कारक जो स्मृति और संज्ञानात्मक प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
घी (Ghee)
आयुर्वेद में घी को मस्तिष्क को पोषण देने वाला भोजन माना गया है। यह ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर है और स्वस्थ मस्तिष्क कार्यप्रणाली का समर्थन करता है। ऐसा माना जाता है कि घी पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है, जिनमें संज्ञानात्मक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी शामिल हैं।
बादाम (Almonds)
ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन ई सहित पोषक तत्वों की मात्रा के कारण आयुर्वेद में बादाम को मस्तिष्क बढ़ाने वाला भोजन माना जाता है। पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण के लिए अक्सर भीगे हुए बादाम की सिफारिश की जाती है।
हल्दी (Turmeric)
हल्दी में सक्रिय यौगिक करक्यूमिन में सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। आयुर्वेद सुझाव देता है कि आहार में हल्दी को शामिल करने से मस्तिष्क को ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन से बचाकर संज्ञानात्मक स्वास्थ्य में योगदान दिया जा सकता है।
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