manmohan singh death

पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर क्या बोली पूरी दुनिया? जानें अलग-अलग देशों की प्रतिक्रिया

manmohan singh death: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (manmohan singh) का 92 साल की उम्र में निधन हो गया है। गुरुवार रात वह अचानक अपने घर पर बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें रात 8:06 बजे दिल्ली के AIIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद रात 9:51 बजे उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली।

डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी समेत कई बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और दुख व्यक्त किया। उनके जाने की खबर ने न केवल भारत बल्कि विदेशी मीडिया का भी ध्यान खींचा जिन्होंने इसे प्रमुखता से जगह दी है।

बांग्लादेश और पाकिस्तान की मीडिया ने क्या बोला?

बांग्लादेश के अंग्रेजी अखबार ढाका ट्रिब्यून (Dhaka Tribune) ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर लिखा है कि वे 1990 के दशक में भारत के आर्थिक सुधारों के मुख्य शिल्पकार थे। उन्होंने अमेरिका के साथ एक ऐतिहासिक परमाणु समझौता भी किया था।

वहीं, पाकिस्तान के अखबार डॉन (Dawn) ने उनके शांत स्वभाव की तारीफ करते हुए लिखा कि डॉ. मनमोहन सिंह भारत के सबसे सफल नेताओं में से एक थे। उन्होंने भारत को जबरदस्त आर्थिक विकास की ओर बढ़ाया और करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई थी।

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ब्रिटिश मीडिया ने क्या कुछ लिखा?

ब्रिटिश मीडिया बीबीसी (BBC) ने बताया है कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया है। अपनी रिपोर्ट में बीबीसी ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्रियों में से एक थे। उन्हें देश में आर्थिक सुधारों की शुरुआत करने वाला प्रमुख नेता माना जाता है।

न्यूज़ एजेन्सी Reuters ने कहा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारत के सबसे सफल नेताओं में से एक माना जाता है। अपने पहले कार्यकाल में उन्हें ‘अनिच्छुक राजा’ (जिनकी स्वयं के लिए कोई इच्छा न हो) के रूप में देखा गया था। मृदुभाषी और शांत स्वभाव के मनमोहन सिंह भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री थे। उन्हें भारत की अर्थव्यवस्था को तेज़ी से बढ़ाने और करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का श्रेय दिया जाता है।

ब्रिटिश अखबार द गार्जियन (The Guardians) ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारत के बड़े आर्थिक सुधारों का प्रमुख श्रेय देते हुए लिखा है कि उन्होंने देश को एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभरने में मदद की। अपनी आसमानी नीली पगड़ी और घर में बने सफेद कुर्ते-पायजामे के लिए पहचाने जाने वाले मनमोहन सिंह भारत के पहले गैर-हिंदू प्रधानमंत्री बने। उन्होंने भारतीय राजनीति में कई उतार-चढ़ाव के बावजूद प्रधानमंत्री के तौर पर दो बार अपना कार्यकाल पूरा किया। मनमोहन सिंह को तेज़ आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का श्रेय मिलता है, जिससे लाखों भारतीयों को गरीबी से उबारने में मदद मिली।

अल जज़ीरा मनमोहन सिंह को दी श्रन्दांजलि 

क़तरी ब्रॉडकास्टर अल जज़ीरा ने पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने लिखा कि 90 के दशक में भारत के आर्थिक सुधारों के पीछे का प्रमुख चेहरा वही थे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने पहले वित्त मंत्री के कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी और इसे उदार बनाया। अल जज़ीरा ने उन्हें ‘सौम्य स्वभाव वाले टेक्नोक्रेट’ कहते हुए बताया कि वह भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्रियों में से एक थे।

अमेरिकी मीडिया ने कही ये बात?

अमेरिकी पब्लिक ब्रॉडकास्टर NPR ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर कहा है कि वह एक बड़े अर्थशास्त्री थे और भारत में आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में पहचाने जाते थे। हालांकि, कुछ लोग यहां तक कि उनकी अपनी पार्टी कांग्रेस के कुछ सदस्य भी, उन्हें एक कमजोर नेता मानते थे।

अमेरिका के प्रमुख अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स (The New York Times) ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। उन्होंने मनमोहन सिंह के बारे में लिखा कि, ‘मनमोहन सिंह ने देश के पहले सिख प्रधानमंत्री के रूप में मुक्त बाजार सुधार लागू किए, जिनकी वजह से भारत एक आर्थिक ताकत बन गया। साथ ही, उन्होंने पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की कोशिश की। न्यूयॉर्क टाइम्स ने डॉ. सिंह को एक मृदुभाषी और बुद्धिजीवी नेता के रूप में पेश किया, और यह भी कहा कि उन्हें दूरगामी बदलावों का श्रेय जाता है, जिनकी वजह से भारत आज चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो पाया है।’

 

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