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Women Wrestler Case: डब्लूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को दिल्ली हाईकोर्ट से लगा झटका

Women Wrestler Case : महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी बनाए गए बीजेपी के पूर्व सांसद और डब्लूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को आज दिल्ली हाईकोर्ट ने जमकर फटकार लगाई है,  दरसल बृजभूषण शरण सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाकर मांग की थी कि उनके खिलाफ जो पहलवानों से यौन उत्पीड़न का मामला है उसे खारिज किया जाए, इस मांग पर न्यायमूर्ति नीना बंसल ने बृजभूषण सिंह द्वारा उनके खिलाफ आरोप तय करने का आदेश और पूरी कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका पर कई सवाल उठाया है न्यायमूर्ति ने कहा कि अगर आरोप तय हो गए हैं तो अब इस आधार पर सब कुछ खारिज नहीं किया जा सकता है|

बृजभूषण के वकील ने दिया तर्क किसी एजेंडे के तहत फंसाया गया

सुनवाई करते हुए जज नीना वंसल कृष्णा ने कहा कि हर चीज पर एक सर्वव्यापी आदेश बिल्कुल भी नहीं हो सकता, अगर आप आरोप पर आदेश को खारिज करना चाहते थे तो आप पहले आ सकते थे एक बार मुकदमा शुरू हो जाने के बाद अब यह एक अप्रत्यक्ष तरीका है, वही बृजभूषण शरण सिंह के वकील ने इस बात का तर्क दिया कि एफआईआर दर्ज करने के पीछे एक हिडन एजेंडा था, वकील ने दावा किया कि शिकायतकर्ता पहलवानों का डब्लूएफआई अध्यक्ष के रूप में उनको उनके पद से हटाने का एक सोचा समझा और साझा मकसद था|

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इस मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को

इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के वकील को यौन उत्पीड़न मामले को खारिज करने के लिए सभी तर्कों के साथ एक संक्षिप्त नोट तैयार करने के लिए फिलहाल दो हफ्ते का समय दिया है, और इस पूरे मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी,  बृजभूषण शरण सिंह ने दरअसल 6 महिला पहलवानों द्वारा यौन उतपीड़न मामले में अपने खिलाफ दर्ज फिर और आरोपी को रद्द करने का अनुरोध करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है,  बृजभूषण ने दलील दी है की जांच पक्षपात तरीके से की गई है क्योंकि सिर्फ और सिर्फ पीड़ितों के बयान पर इस मामले में विचार किया गया था, उनके याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए हैं और निचली अदालतों ने उनके तथ्यों पर गौर नहीं किया, पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण ने यह भी दावा किया है कि उन्हें झूठा फसाया गया है, उनके उपर अभियोजन पक्ष ने जो भी आरोप लगाए हैं वो बेबुनियाद है,

यौन उत्पीड़न के मामले में 21 मई को आरोप तय किए थे

आपको बता दे कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के मामले में 21 मई को आरोप तय किए थे,  कोर्ट ने इस मामले में सह आरोपी और डब्लूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी आपराधिक धमकी का आरोप तय किया था, 2023 में के महीने में उच्चतम न्यायालय के दखलंदाजी के बाद दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहली बार फिर भी दर्ज की थी फिलहाल अगली सुनवाई में बृजभूषण शरण सिंह के याचिका पर क्या कुछ होता है यह देखना अहम होगा|

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